*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*शासननिष्ठ सद्गुरु*
*सूरि जयन्त सेन कृपाप्राप्त,*
श्रुत साधक क्षमाश्रमण,
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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कषायों की
अनुमोदना नहीं होती.!
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क्रोध का
शुद्ध पर्याय ही क्षमा हैं,
क्षमा की विकृति क्रोध है.!
*_518)_*
भवयात्रा पर
पूर्णविराम लगाना ही
धर्मकरणी का उद्देश्य हैं.!
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स्व आत्म के
अतिरिक्त
कोई समर्थ नहीं
हमारा हित करने में.!
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तप करना श्रेष्ठ
तप करने की शक्ति
नही है तो कमसेकम
तप करनेवाले की निंदा
अन्तराय मत करो.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*