चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि जप करने से पाप कर्म का नाश होता है। मन वचन काया से जप कर जीवन को सुंदर बनाया जा सकता है।
जो जप नहीं किये हैं उनको भी जप कर सुंदर जीवन का अनुभव करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तव में जप से मनुष्य के सारे ग्रह को शांति मिलती है।
साध्वी समिति ने कहा कि मनुष्य का अहंकार उसको जीवन मे आगे नहीं जाने दे रहा हैं। अहंकार जब तक साथ होगा तब तक और कुछ साथ नहीं आ सकता हैं। मनुष्य का अहंकार ही उसको नर्क के मार्ग पर झोंक रहा है।
उन्होंने कहा कि अहंकार आने पर मनुष्य की आंखे बंद हो जाती है। जब दोनों आंखे बंद होंगी तो जीवन से अंधकार कभी दूर नहीं होगा। प्रकास में जाना है तो अहंकार खत्म कर बंद आंखों को खोलना होगा। जब तक अहंकार दूर नहीं होगा तब तक जीवन मे प्रकास नहीं आ सकता है।
उन्होंने कहा की जब कर्म करवट लेकर भाग्य चमकाता है तो जीवन के तमाम कष्ट अपने आप ही दूर हो जाते हैं। कर्म की करवट भाग्य को बदल देती है। कर्म बुरे हुए तो अच्छा भाग्य भी खराब हो जाता है। भाग्य को सही रखना है तो कर्म को सुधार कर आगे बढ़ें।
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इससे पूर्व प्रतिभा मसा का जन्मदिन तप त्याग आयबिल अराधना के साथ मनाया गया। शनिवार को सिद्धी सुधा मसा की 56 वी जयति. के.उपलक्ष्य मे विशाल अनदानम ,जीव दया एवम हेल्थ चिकित्सा शिविर का आयोजन होगा ।