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करें स्वयं का रूपांतर अनेकांत के द्वारा: मुनि श्री अर्हंत कुमार जी

करें स्वयं का रूपांतर अनेकांत के द्वारा: मुनि श्री अर्हंत कुमार जी

शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री अर्हंत कुमार जी ठाना के सानिध्य में महिला मंडल के अंतर्गत कन्या मंडल की कार्यशाला – अनेकांतवाद रखी गई दिनांक : 28/11/2021 ।।

मुनि श्री जयदीप कुमार जी ने सुमधुर गीतिका की प्रस्तुति दी। आगे कार्यक्रम की शुरुवात कन्या मंडल के संकल्प गीत द्वारा हुई ।

मुनि भारत कुमार ने कहा जिसने अपने जीवन में अपनाया अनेकांत उसका जीवन होजाएगा शांति का वास, जीवन में कभी नही होगा दुख दुविधाओं का दास अनेकांतवादी बन जायेगा शांत।

सभी ने आपने विचार व्यक्त किए सबसे पहले सभा अध्यक्ष जयंतीलालजी जीरावाला ने समाज को संबोधित किया और फिर ज्ञानचंद जी आंचलिया ( पूर्व महा सभा उपाध्यक्ष एवं युवक रत्न ), ओम जी कोठरी, चंदा कोठरी, डिनील कोठरी, नेमी चंद जी बाफना (स्थानकवासी अध्यक्ष) ने अपने अपने विचार प्रकट किए। ज्ञानशाला की लड़कियों ने भी सुंदर प्रस्तुति दी ट्विंकल ट्विंकल स्टार्स पे।

मुनि श्री अर्हंत कुमार जी ने आज की कार्यशाला ” स्वयं का रूपांतर ” – अनेकांत के द्वारा के अंतर्गत फरमाया: आज सब कुछ बदल रहा है रहन – सहन, खान – पान, दिनचर्या, पर आदमी नही बदल रहे है। भीतर से बदलाव नहीं हो रहा है, भीतर से रूपांतर नही हो पा रहा है। महावीर ने हमे अनेकांत दृष्टिकोण दिया इसके माध्यम से व्यक्ति आग्रह वृति का परित्याग करे। अग्रहवाद से बिखराव ही होता है चाहे वह वृति परिवार में हो या समाज में। जहां आग्रह है वहां बिकराव है। व्यक्ति को आग्रह छोड़ने का विकास करना चाहिए जिससे परिवार का, समाज का आगे से आगे विकास के द्वार खुलेंगे ।

अतः हमें यह समझाया कि हर परिस्थिति का हर दृष्टिकोण देखना चाहिए।

अंतिम पर मुनि श्री ने मंगल पाठ सुना कर कार्यक्रम का समापन हुआ ।

प्रभारी: मधु जीरावाला
संयोजिका: खुशबू दुगड़
सह संयोजिका: सिद्धि जीरावाला

।। तेरापंथ मदुरै कन्या मंडल ।।

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