चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट स्थित जैन स्थानक में साध्वी साक्षी ज्योति ने कहा दूसरों से अपेक्षा कम रखें। अपेक्षा एक बीमारी है जिससे हर कोई ग्रसित है। पिता अपने बेटे से अपेक्षा रखता है कि बेटा मेरी सेवा करेगा। कोई भी काम करेगा तो मुझसे पूछेगा।
यह अपेक्षा जब तक पूरी होती रहती है तब तक तो ठीक है लेकिन जैसे ही अपेक्षाएं पूरी नहीं होती आदमी परेशान होने लगता है। मन के अंदर व्यथा पैदा होती है। इसलिए अपेक्षाएं कम रखें। एक-दूसरे से जितनी कम अपेक्षाएं रखेंगे, उतना ही आनंद रहेगा।
उन्होंने कहा पक्षी अपने बच्चे को उडऩा सिखाते हैं, दाना चुगना सिखाते हैं। इसके बाद कोई अपेक्षा नहीं रखते।