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कथा का लक्ष्य जीवन में बदलाव लाना इसलिए सब इसे मन मुताबिक सुनते हैं: प्रवीण ऋषि

कथा का लक्ष्य जीवन में बदलाव लाना इसलिए सब इसे मन मुताबिक सुनते हैं: प्रवीण ऋषि

टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में संत प्रवीण ऋषि के प्रवचन

रायपुर. जीवन में बदलाव लाना, यही किसी कथा का लक्ष्य होता है। जिनके मन में जैसा बनने की तमन्ना होती है, वो वैसी कथा सुनते हैं। जिन्हें राजनीति करनी है, वे राजकथा सुनते हैं। खेल में रूचि रखने वाले खेल कथाएं सुनते हैं। जिन्हें महाभारत अच्छा लगता है, वे महाभारत सुनते हैं। जिन्हें जीवन में महावीर को उतारना है, वे महावीर की कथा सुनते हैं। टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने ये बातें कही।

उन्होंने कहा, मंजिल के आधार पर रास्ते खोजे जाते हैं। मंजिल ही क्लीयर न हो तो इंसान फालतू के रास्तों पर चलने लगता है। जीवन की ये विडंबना ये नहीं है कि हम रास्ते पर नहीं चलते या सही रास्ते पर नहीं चलते। जीवन की सबसे बड़ी विडंबना ये है कि लोग बिना मंजिल चुने रास्ता चुनते हैं।

गोशालिक और इंद्रभूति गौतम एक सी तपस्या करते हैं। एक की तपस्या उसे नरक ले जाती है। दूसरे के लिए मोक्ष के दरवाजे खुल जाते हैं। अब बड़ा सवाल ये है कि मंजिल कैसे चुनें? एक रास्ता ये हो सकता है कि कुछ ऐसा सोचें जिसमें आपके सारे लक्ष्य पूरे हो जाएं। यह विशेषता मरीचि के पास थी। दूसरा तरीका है, कुछ ऐसा करिए जिससे बाकी सभी मंजिलों से नाता टूट जाए।

तीर्थंकर को मांगिए, सब मिल जाएगा

किसी गांव में अंधे मां-बाप थे। एक बेटा था। परिवार तंगहाल था। उनकी तकलीफों को देखते हुए एक व्यक्ति ने देवता की आराधना करने की प्रेरणा दी। परिवार ने पूजा की। देवता प्रसन्न हुए और कहा कि तपस्या तुमने बड़ी की है। डिमांड भी बड़ी है। मैं तुम्हारी एक मांग पूरी करूंगा। परिवार की इच्छाएं बहुत सी थीं। गरीबी दूर हो जाए। अंधापन दूर हो जाए। बेटे की शादी हो जाए। इधर, देवता ने शर्त रख दी।

परिवार ने सलाह-मशविरा किया। पत्नी ने सुझाया कि एक ही मांग ऐसी रखो जिससे सारी समस्याएं सुलझ जाएं। पति ने देवता से कहा, हम सोने के झूले पर अपने पोते को झूलता हुआ देखना चाहते हैं। उन्होंने एक इच्छा में अपनी सारी मांगें मनवा लीं। यह गागर में सागर भरने वाली बात है। क्या ऐसा संभव है? ध्यान करिए, लोगस्स सूत्र के एक पाठ में तीर्थंकर को सागर कहा गया है। आप तीर्थंकर को मांगते हैं तो सागर मांगते हैं। मतलब जीवन में अगर तीर्थंकर को पाने की चाहत हो तो सब मिल सकता है।

गौतम लब्धि फाउंडेशन का 16वां 

राष्ट्रीय अधिवेशन 5, 6 को शहर में

छत्तीसगढ़ श्रणण संघ के अध्यक्ष कमल पटवा और रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया, गौतम लब्धि फाउंडेशन का 16वां राष्ट्रीय अधिवेशन 5 और 6 अगस्त को रायपुर में टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में होगा। दो दिवसीय ये कार्यक्रम गुरुवर उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि के पावन सानिध्य में संपन्न होगा।

इसमें शामिल होने फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल नाहर, राष्ट्रीय मंत्री नितिन सखलेचा, राष्ट्रीय निमंत्रख सुनील नाहर भी रायपुर पहुंच रहे हैं। इनके अलावा भी देशभर से बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। सभी अतिथि 4 अगस्त की शाम 7.30 बजे तक रायपुर पहुंच जाएंगे।

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