दुर्ग / जय आनंद मधुकर रतन भवन दुर्ग में श्रमण संघीय उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी महाराज का मंगल प्रवचन का लोग लाभ उठा रहे हैं। श्री तीर्थेश ऋषि का प्रवचन के पूर्व मंत्रमुग्ध करने वाला भजन को धर्म सभा में बेहद पसंद किया जा रहा है।
भारत भर के उनके मानने वाले लोग भी उपाध्याय प्रवर श्री प्रवीण ऋषि जी के प्रवचनों का यूट्यूब एवं फेसबुक के माध्यम से भी देख रहे हैं। धर्म सभा को संबोधित करते हुए उपाध्याय प्रवर ने कहा जिन शासन की प्रभावना करते हुए ऐसा परिवार बनो की संत भी उस परिवार से मिलने की इच्छा रखें। संत उनसे मिलने को बेकरार हो जाए घर को स्वर्ग बनाने का की बात जिनशासन नहीं करता। जैन धर्म एक अद्भुत धर्म है। जैन जिनशासन किसी को भी स्वर्ग में जाने की बात नहीं करता। स्वर्ग का मतलब शिखर में पहुंचना और नीचे गिरना होता है। ऐसी मंजिल हम क्यों चुने, जिसमें गिरना ही गिरना है। जिनशासन का लक्ष्य है कि आपका परिवार आपका समाज आपका देश धर्म मय बनें।
उपाध्याय प्रवर ने कहा हमें जिनेश्वर मिले है। जैन जिनशासन मिला और हम जिनेश्वर की राह पर नहीं चले तो जिनेश्वर के मिलने का हमें क्या फायदा? जिनशासन कहता है सभी रिश्ते जन्म जन्मांतर तक साथ रहते हैं, मौत भी रिश्तो को नहीं तोड़ सकती। भगवान के साथ अपने रिश्ते को कपास के धागे सा मत बनाओ, जिन शासन से सोने के धागे सा रिश्ता बनाओ जो तानने से भी नहीं टूटे प्रभु से ऐसी प्रीत जगाओ कि प्रभु आपके पास आए।
कपल शिविर महिला जागृति शिविर युवा संस्कार शिविर सभी वर्ग की अच्छी भागीदारी
आज प्रातः 8:00 बजे उपाध्याय प्रवर के सानिध्य में जैन समाज के युवा कपल शिविर मैं धर्म के मर्म को सीखने का प्रयास किया। अनेक तथ्यों एवं रोचक उदाहरणों से गुरुदेव श्री ने उपस्थित लोगों को धर्म से जुड़ने की प्रेरणा दी। गुरुदेव के सानिध्य में ही आज दोपहर महिलाओं का संस्कार शिविर का दूसरा दिवस रहा, जिसमें महिलाओं ने गुरुदेव श्री से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।
जैन समाज के युवाओं को युवा शिविर के माध्यम से परिवार समाज एवं देश में अपने आप को कैसे डालें डालें ढाले इस विषय पर भी गुरुदेव का प्रेरक मार्गदर्शन युवाओं को प्राप्त हुआ।