इंदौर। मां पद्मावती के परम् उपासक, सिद्धसाधक, राष्ट्रसंत, श्रीकृष्णगिरी शक्ति पीठाधिपति, यतिवर्य डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने शनिवार को कहा कि श्रावक-श्राविकाओं को चाहिए कि वे उल्लास, उमंग, शुद्ध भाव के साथ देव, गुरु, धर्म की साधना, आराधना व भक्ति विधिपूर्वक करें।
उन्होंने कहा कि यदि अनन्य भाव से सामयिक व प्रतिक्रमण की क्रियाओं के मर्म को समझकर भक्ति करेंगे तो उसका लाभ भी अधिक मिलता है। श्री नगीनभाई कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में हृींकारगिरी तीर्थ धाम में दिव्य भक्ति चातुर्मास कर रहे राष्ट्रसंत यतिवर्य डॉ. वसंतविजयजी म.सा.ने प्रवचन करते हुए यह भी कहा कि शुद्ध, निर्मल, देव, गुरु व धर्म के प्रति निष्ठा, परमात्मा की वाणी के प्रति निष्काम, श्रद्धा भाव रखने वाला पुण्यों का पोषण करता है।
जीव मात्र के कल्याण के लिए शुभ भावना रखे। ट्रस्टी विजय कोठारी ने बताया कि हृींकारगिरी तीर्थ धाम में प्रतिष्ठापित मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथजी की प्रतिमा का विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकशी द्वारा 50 दिवसीय 18 अभिषेक शनिवार को भी जारी रहा। लाभार्थी चैन्नई से अतुल-अशोक सुराणा परिवार रहा।
ट्रस्टी जय कोठारी ने बताया कि इससे पहले सुबह के सत्र में संतश्री वज्रतिलकजी की निश्रा में प्रतिक्रमण व सामूहिक भक्तामर मंत्र जाप किया गया। कोठारी ने बताया कि डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के रविवारीय प्रवचन तीर्थ धाम में दोपहर 3 से 5 बजे तक होंगे।
दिव्य भक्ति चातुर्मास कार्यक्रम से जुड़े वीरेंद्र कुमार जैन, अनिल लूणावत ने बताया कि श्री जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक मारवाड़ी समाज के पदाधिकारीगण शरद कोठारी के नेतृत्व में अनेक श्रद्धालुओं ने पूज्य गुरुदेव डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के दर्शन व मांगलिक आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आए। वहीं इंदौर के पार्षद दीपक जैन ‘टीनू’ ने तीर्थ धाम पहुंचकर पूज्य गुरुदेव का आशीर्वाद लिया।