Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

उपाध्याय मूल मुनि जी जैन समाज के शिरोमणि संत थे: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

उपाध्याय मूल मुनि जी जैन समाज के शिरोमणि संत थे: डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी

जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि जी ने तीर्थंकर शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि वे धर्म तीर्थ के प्रवतर्क होते है, धर्म के संस्थापक होते है! दुनियां मे अधिकांश जन अधर्म का प्रचार प्रसार करने वाले सहजता मे उपलब्ध होते है किन्तु लाखों मे कोई एक धर्म की स्थापना करते है! धर्म तीर्थ के चार प्रकार बतलाए गए है जिसके अंतर्गत साधु साध्वी श्रावक श्रविका का समावेश होता है! इनमे प्रथम दो संसार का पूर्णतः त्याग कर अपना सम्पूर्ण जीवन धर्म प्रचार व आचरण मे लगा देते है! उनका जीवन तप जप की रोशनी से रोशन हो जाता है! ऐसे आदर्श महापुरुष जगत के प्रेरणादायक होते है युगों युगों तक उनका स्मरण किया जाता है एवं उन के बताए महामार्ग पर जनता चलकर अपना आत्म कल्याण करती रहती है!

ऐसे ही उत्तम पुरषों मे तीर्थंकर ईश्वर कहलाते है जो केवल ज्ञान दर्शन के धारी होते है उनके अनेक अतिशय चमत्कार विशेष जीवन भर मोजूद रहते है! वे पूर्णतः मोक्ष मार्ग के प्रदाता होते है!जैन धर्म के अनुसार एसे तीर्थंकर प्रत्येक काल मे चौबीस को संख्या मे आते है इस काल मे आदिनाथ प्रथम व महावीर स्वामी अंतिम तीर्थंकर रहे है विशेष कर जैन समाज मे इन्हे ईश्वर रुप प्रदान किया गया है! जैन धर्मावलम्बी इन्ही के बताए धर्म मार्ग को स्वीकार कर साधना मे जीवन व्यतीत करते है! इन्ही को स्मरण स्वरूप नवकार महामंत्र का निर्माण किया गया जिसमें अरिहंत स्वरूप पद के तीर्थंकर धारी होते है!

सभा मे साहित्यकार श्री सुरेन्द्र मुनि जी द्वारा गुरु पुष्कर जन्मोउत्स्व सप्ताह के दूसरे दिन के रूप मे सामूहिक रूप से सामायिक की साधना की गई करीब चार सौ समायिकसम्पन्न हुई, जैन महावीर युवक मण्डल द्वारा लकी ड्रा के रूप मे पुरसस्कृत किया गया! सभा मे महामंत्री उमेश जैन द्वारा हार्दिक स्वागत व सूचनाएं दी गई गुरु पुष्कर जन्मोउत्स्व का मुख्य समारोह 2 अक्टूबर दिनांक शनिवार को भोज राज एस एस जैन सभा पब्लिक सी. सेकंडरी स्कूल मे भव्यता के साथ मनाया जायेगा जिसमें विविध प्रांतो से समाज सेवी उपस्तिथ रहेंगे इस अवसर पर मंगल देश के श्री संघो द्वारा जैन सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar