नागदा (निप्र)- महावीर भवन में धर्म सभा में महासती पूज्य दिव्य ज्योति जी मसा ने गुरु भक्तों से कहा कि जिस प्रकार समस्त उपनिषदों का सार गीता में है, समस्त बुद्ध वाणी का सार धम्मपद में संग्रहित है , उसी प्रकार भगवान महावीर की वाणी , उद्देश्य, नियम, क्या करना चाहिए, निषेध सहित जैन आचार संहिता वाणी का समग्र सार उत्तरा ध्यान में वर्णित है।
यह सूत्र जैन परंपरा में अत्यंत प्रिय एवं प्रसिद्ध ग्रंथ है, इसमें महावीर के विचार , विश्वास एवं आचार का हर दृष्टिकोण समाहित है । इसमें धर्म कथानक भी है , उपदेश भी है , इसमें ज्ञान , चरित्र, दर्शन का अद्भुत एवं सुंदर संगम है । यह बात सूत्र का वाचन करते हुए गुरुदेव ने कही ।
महासती वैभव श्री जी मसा ने कहा कि मानव के हर क्षेत्र में चाहे वह शारीरिक, मानसिक, ज्ञान , दर्शन, चरित्र , तप एवं संयम यात्रा का संपूर्ण विश्लेषण इस सूत्र में विद्यमान है।
स्थानकवासी जैन समाज के मीडीया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि महासती सौम्या श्रीजी मासा के 26 एकासना की कठिन तपस्या चल रही है। अतिथि सत्कार का लाभ नरेंद्र कुमार जी सांवेर वाला का खत्म होकर आज सतीश कुमार जी उज्जवल कुमार जी जैन सांवेर वाले द्वारा अतिथियों का सत्कार किया गया। आभार श्री संघ अध्यक्ष प्रकाश चंद जैन लुणावत ने माना।
उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी महेंद्र कांठेढ़ एवं नितिन बुड़ावन वाला ने दी है
दिनांक 19/10/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला