चेन्नई. एमकेबी नगर जैन स्थानक में साध्वी धर्मप्रभा ने कहा जिंदगी में आने वाले इम्तिहानों से घबराना नहीं चाहिए। गगन में जब उजाला होने वाला होता है तब अंधकार सघन हो जाता है। सुख हमारा इंतजार कर रहा है बस एक बार दुख रूपी दरवाजे को पार करना है। संघर्षों का सामना करो परिश्रम और विवेक के बलबूते पर साधनों के अभाव में प्रतिभाएं, उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। जीवन में संघर्ष उत्कर्ष के द्वार खोलता है।
दुख और संघर्ष से ही ऊर्जा बल निर्मित होता है। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा सच्चा साधु वही होता है जो आत्मा, मन और इंद्रियों को साधने का प्रयत्न करता है। मोक्ष प्राप्ति के लिए संयम या भाव साधुता जरूरी है।
आज तक जितने भी जीव सिद्ध, बुद्ध और मुक्त हुए हैं उन्होंने अपनी आत्मा को त्याग और वैराग्य की साधना में तल्लीन किया है तभी सुख के अधिकारी बने। कार्यक्रम का संचालन सज्जनलाल सुराना ने किया।