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ईश्वर ने हमें इंसान तो बना दिया लेकिन इंसानियत हमें अब तक समझ न आई: उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि

ईश्वर ने हमें इंसान तो बना दिया लेकिन इंसानियत हमें अब तक समझ न आई: उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि

टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में चातुर्मासिक प्रवचन

रायपुर। सौभाग्य से ईश्वर ने हमें इंसान तो बना दिया, लेकिन इंसानियत अब तक नहीं आ पाई है। यदि सारे इंसानों में इंसानियत आ गई होती तो आज दुनिया का नजारा कुछ और ही होता। विडंबना है कि आज पोषक शोषक बन गए हैं। तारक मारक बन गए हैं। टैगोर नगर के श्री लालगंगा पटवा भवन में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन में उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि ने ये बातें कही।

उन्होंने कहा कि रक्षक भक्षक बन गए हैं। अब भटकाव का युग चल रहा है। कोई क्रियाकर्म में तो कोई परंपराओं के नाम पर भटक रहा है। लोगों को भटका भी रहा है। हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आज हमें महावीर स्वामी की वाणी सुनने मिल रही है।

महावीर स्वामी की वाणी के कारण अब उबड़-खाबड़ मार्ग खत्म होकर राजमार्ग बन गया है। चितंन करें कि संसार सागर के किनारे पर पहुंचने के पूर्व हमने कितनी लंबी यात्रा तय कर ली है। आज हम सबको जरुरत है शांति, सुलह, प्रेम और सोहार्द्र के रास्ते बड़े करने की। राग द्वेष के रास्ते अब छोटे करने चाहिए। हमें जो राजमार्ग मिला है उस पर चलने का मन बनाना चाहिए। जिसे प्रभु की वाणी का सांस मिला है, उसे सिद्धी का निवास तो मिलेगा ही।

सम्मान करना है तो उनका करें जो

आपका कल्याण करने में सक्षम हैं

संतश्री ने कहा कि पूजा, आदर और सम्मान करना है तो उन प्रभु का करें जो स्वयं भी अपना कल्याण करने में सक्षम है और दूसरों का भी कल्याण कर सकते हैं। हम जिन्हें पूज्य और वंदनीय मानते हैं, उनका वरदान हमें मिलना चाहिए। भोगी का वंदन करेंगे तो भोगी का ही आशीर्वाद मिलेगा। भ्रष्ट या असंयमी का वंदन करेंगे तो उनका वरदान मिलेगा। इसलिए वंदन उनका करें जो श्रेष्ठता का वरदान दे सकें।

प्रवचन के लिए रोज सुबह  

उमड़ रही भक्तों की भीड़  

रायपुर श्रमण संघ के अध्यक्ष ललित पटवा ने बताया कि रोज सुबह 9 से 10 बजे के बीच गुरुदेव के प्रवचन जारी हैं। इसे सुनने के लिए रोज बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं पटवा भवन पहुंच रहे हैं। मौसम को देखते हुए परिसर में तीन विशाल डोम बनाए गए हैं। इसी में श्रद्धालुओं के बैठने का इंतजाम किया गया है।

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