कीकरवाला रूपा में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में स्वर्ण, चांदी के सिक्के व अनेक उपहारों का लक्की ड्रा से वितरण
भैरवमय होगी काशी ; विश्व स्तरीय भैरवाष्टमी महापर्व के आयोजन में राजशाही भंडारे में प्रसाद पाएंगे लाखों श्रद्धालु
कृष्णगिरी। तमिलनाडु राज्य के विश्वविख्यात शक्तिमय पतित पावन श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ तीर्थधाम के संस्थापक, शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने रविवार को यहां कीकरवालारूपा गांव में श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस दीपावली पर व्यक्ति अपने जीवन के अज्ञान का अंधकार मिटाकर सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य के लिए मां के प्रति अपनी श्रद्धामय भक्ति में विश्वास जगाएं।
उन्होंने कहा कि देवी–देवताओं की पूजा, आराधना, उपासना एवं साधना में विवेक तथा उनके प्रतिनिधि हो इस विश्वास के साथ भक्ति को जगाना जरूरी है। नौ दिवसीय ऐतिहासिक श्रीमद् देवी भागवत महापुराण वाचन एवं हवन–यज्ञ अनुष्ठान की सोमवार को पूर्णाहुति से एक दिवस पूर्व साधना के शिखर पुरुष संतश्रीजी ने दीपावली पर्व पर किस प्रकार पूजा विधि की जाए इसकी सरल सिद्ध विस्तृत जानकारी विभिन्न मंत्रों के उच्चारण के साथ दी। साथ ही जीवन को श्रेष्ठ बनाने के अनेक शास्त्रोक्त उपाय भी बताए। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण पूज्य गुरुदेव के अधिकृत वेरीफाइड यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया।
इस मौके पर मृगुंडू ऋषि की तपस्या व भगवान शिव–पार्वतीजी द्वारा प्रसन्न होकर उनके ज्ञानदायक चिरंजीवी पुत्र मार्कंडेय के वरदान प्रसंग का उल्लेख भी किया। साथ ही पूज्य गुरुदेवजी ने देश के किसानों को अपनी फसल का 10 गुना अधिक लाभ कैसे हो इसकी शास्त्रोक्त जानकारी वास्तु अनुरूप विशिष्ट तरंगों की विधि की जानकारी के साथ दी। उन्होंने कहा कि पूरे ब्रह्मांड का विज्ञान वास्तु से संचरित होता है। उन्होंने कहा सिर्फ मेहनत समृद्धि का माध्यम नहीं है।
इस अवसर पर अबोहर गौशाला के पदाधिकारियों ने राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज का शॉल, दुपट्टा ओढ़ाकर एवं मेमेंटो भेंटकर सत्कार किया। इनमें गौशाला के प्रेसिडेंट फकीरचंद गोयल, राकेश कालानी, धनवंत सियाग, राजविंदर भागला, अमित कासनिया मौजूद रहे। शाम के सत्र में हवन–यज्ञ में आहुतियां दी गई। लक्की ड्रा के माध्यम से अनेक भाग्यशाली विजेताओं को स्वर्ण, चांदी के सिक्के, रेफ्रिजरेटर, साइकिल के अलावा होम अप्लायंसेज आइटम के विभिन्न उपहार प्रदान किए गए। श्रीमती सुनीता मनमोहन सिहाग परिवार ने देवीभागवतजी की आरती व हवन यज्ञ का लाभ लिया।
दीपावली की त्रिदिवसीय पूजा 22 अक्तूबर की शाम से करें शुरू..
विद्यासागर, मंत्र शिरोमणि संत श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने इस दौरान पंजाब, राजस्थान प्रान्त सहित 14 राज्यों के विभिन्न शहरों–गांवों से आए गुरुभक्त श्रद्धालुओं को दीपावली के का तीन दिवसीय महापर्व को 22 अक्टूबर की शाम 6:30 बजे से घर के देवी–देवताओं की पूजा की अनुमति व मां लक्ष्मीजी के आह्वान की प्रार्थना के साथ प्रारंभ करने की प्रेरणा दी।
उन्होंने कहा कि कम से कम 6, 12, 21, 27, 51 अथवा 108 दीपक करने तथा साथ ही घर के समीप के मंदिरों में भी कम से कम एक–एक दीप दान करने की सीख दी। लक्ष्मीजी को कमल का पुष्प, मोगरा पुष्प, इत्र, चंदन तथा बिल्वपत्र प्रिय होने की जानकारी देते हुए इन्हें मां को दिवस विशेष पर श्रद्धा भक्ति से अर्पण करने की भी जानकारी दी। त्रिदिवसीय पूजा की संपन्नता 24 अक्टूबर की रात्रि 7.30 बजे से शुरु कर विभिन्न भोग अर्पण आदि कर मां लक्ष्मीजी से सदा घर में विराजित रहने की प्रार्थना करते हुए पूर्ण करने की बात उन्होंने कही।
इस बार भैरवमय होगा काशी ; लगेगा राजशाही भंडारा..
राष्ट्रसंत पूज्य गुरुदेव डॉ वसंत विजयजी म.सा. द्वारा प्रतिवर्ष भैरवाष्टमी का महापर्व हर्षोल्लास से विराट स्तर पर भक्तिमय, हवन यज्ञ अनुष्ठान व अन्नदान के साथ विभिन्न बड़े-बड़े शहरों में मनाया जाता रहा है। इस बार यह आयोजन काशी (वाराणसी) में व्यापक स्तर आगामी 9 से 16 नवंबर तक पर मनाया जाएगा, जहां विश्वस्तरीय 108 फीट की भैरव देव की विशाल प्रतिमा की प्रतिष्ठापना के साथ 9–9 फीट के अष्ट भैरव स्थापित होंगे।
साथ ही चार–चार फीट के 1,08,000 भैरव देव की मूर्तियां निर्मित की जाएगी। काशी के कोतवाल भैरव देव की नगरी में कालभैरव देव की प्रसन्नता के लिए विशाल 1,08,000 दीपदान, इतने ही इमरती का प्रसाद भोग तथा 1,08,000 पुष्प अर्पण के साथ राजशाही भंडारा 8 दिनों तक सुचारु रुप से संचालित होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु प्रसाद पाएंगे।
इस दौरान श्रीभैरव महापुराण कथा का वाचन भी पूज्य गुरुदेव के श्रीमुखारविंद से होगा। आयोजन में अष्ट दिवसीय सिद्ध भैरवदेव की दिव्य कृपा प्रदायक ताम्र यंत्र भी आध्यात्म योगीराज संतश्री डॉ वसंतविजयजी महाराज काशी में आठ दिनों तक उपस्थित अपने समस्त भक्तों को प्रदान करेंगे। वाराणसी के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मोबाईल 90513 90513 से पंजीयन करवाकर विस्तृत जानकारी के साथ काशी पहुंचा जा सकता है।