Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

इच्छाओं का निरोध करना ही तप का परिपालन है: साध्वी चन्दन बाला

इच्छाओं का निरोध करना ही तप का परिपालन है: साध्वी चन्दन बाला

वीरपत्ता की पावन भूमि आमेट मे किया तपस्या का स्वागत 

लक्ष्य संचेती ने 8 के प्रत्यक्षण लिए एवं कैलाश खाब्या की सुपुत्री डॉक्टर निधि खाब्या के 9 के उपवास के प्रत्यक्षण लिए । इस अवसर पर आमेट श्री संघ, चंदनबाला महिला मंडल ने व युवा मंडल ने दोनो तपस्वी का शाल-माला से स्वागत सत्कार किया । तपस्या के स्वागत मे साध्वी चन्दन बाला ने कहा कि इच्छाओं का निरोध करना ही तप का परिपालन है। जिस प्रकार आकाश अनंत और विशाल है उसी प्रकार इच्छाएं अनंत हैं। इच्छाओं के बीच मानव जीवन यात्रा करता है। मनुष्य ही व्रत नियम और तपस्या कर सकता है। देवता व्रत नियम और तप नहीं कर सकते हैं।

पशु का कोई लक्ष्य नहीं होता उसे उसका मालिक जो देता है उतना खा लेता है। किंतु मानव सोच विचार करके कुछ भी कर सकता है।तप की बड़ी महिमा है तपस्वी की अनुमोदना करना व कराने का समान फल प्राप्त होता है। तपस्या की पूर्णता देव, गुरु और धर्म की कृपा पर आधारित होती है। तप की अनुमोदना करने से जिन शासन की प्रभावना होती है और अनेक लोगों को प्रेरणा मिलती है। तप करने के लिए द्रव्य, क्षेत्र, काल और भाव की आवश्यकता होती है।

इस कार्यक्रम में साध्वी डॉक्टर चंद्रप्रभा, साध्वी विनीत रूप प्रज्ञा भी शामिल थे ।

महिला मंडल ने तपस्या की बोली लेकर बहन नीलम को चुनरी उड़ाई एवं डॉक्टर प्रेरणा डॉक्टर निधि को सवाल माला से स्वागत किया युवा मंडल ने लक्ष्य संचेती को अभिनंदन पत्र देखकर अनुमोदना की । इस धर्म सभा का संचालन सुरेश दक ने किया ।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar