हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान हैl वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं, वह इस प्रकार हैंl
बंधुओं जैसे कि सर से उतारिए कांटों का अतीत में कभी यीशु के सिर पर कांटों का ताज और पीठ पर रखा गया था लेकिन वह बात तो एक शहादत की हुईl आज हमने से हर किसी इंसान ने अपने माथे पर कांटों का ऐसा ताज पहन रखा है जिसे आदमी उतरना भी जाता है तो उतारने का तरीका नहीं जानताl अगर इंसान को जीवन जीने की कल आ जाए तो ऐसा कौन सा कर्म होगा तक है जिसे इंसान उतरना चाहे तो उतरना भी ना पाएl वीडियो बनाया है कि कुछ कांटों के ताज तो ऐसे होते हैं जिन्हें लोग बन जाया करते हैं पर कुछ कांटों के ताज ऐसे भी होते जिन्हें इंसान खुद ही अपने हाथों से पहन लिया करता हैl
चिंता ऐश्वर्या उत्तेजना तनाव अवसाद के कांटे ऐसे ही है जीने आदमी खुद अपने मन थे पर अपने हाथों से माथे पर पहना हैl यह कांटे हमें परेशान करते हैं इसके बावजूद हम अपने आप को अनियमित से उन परिस्थितियों से या उन पाहुलों से अपने आप को अलग करने का ऑपरेशन भी नहीं करतेl बार-बार कांटे बनकर हमे विदा करते हैं सो प्लीज हो सके तो फिर से कांटों को उतार कर अपने जिंदगी में हो सके तो मीठे-मीठे बोल बोलने चाहिएl कांटों का ताज पहनने से जिंदगी नर्क जैसी बन जाती हैं क्योंकि वे रद्दी कागज के जैसी होती हैl सफल और मधुर जीवन के लिए स्टेटस और टेंशन को कहिए गो दिमाग को दिमाग के लोड को कम कीजिए तोई जिंदगी जीवन जी सकते एवं हमारे यहां पर अभी नवग्रह का जाप एवं भक्तांबर जाप चालू हैl आज एक बहन के 30 की पचखवानी हुई हैl तपस्या निरंतर चालू है इन्ही शुभ भावों के साथ जय जिनेंद्र जय महावीरl