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इंसानियत की लौ को प्रज्वलित रखें : साध्वी अणिमाश्री

इंसानियत की लौ को प्रज्वलित रखें : साध्वी अणिमाश्री

सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन का आयोजन  

धर्म मानवता की मुंडेर पर जलता हुआ चिराग है

साहुकारपेट, चेन्नई  :- साध्वी अणिमाश्री के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन के प्रांगण में अणुव्रत समिति चेन्नई के तत्वावधान में अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत आज प्रथम दिन सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन का गरिमामय कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में इस्लाम धर्म के जनाब अमील साहेब शेख इशाक भाई, ईसाई धर्म से फादर थाॅमस इलंगो, ब्रह्माकुमारी से नीलिमा बहन एवं बौद्ध धर्म से बोद्ध भिक्षुक बुद्ध प्रकाश का आगमन कार्यक्रम की शोभा को शतगुणित कर रहा था। साध्वी अणिमाश्री ने फरमाया कि धर्म संप्रदाय अलग अलग हो सकते हैं। जैसे दीये अलग-अलग होते हैं, तेल या जलाने वाले भी अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन उसमें से निकलने वाली ज्योति एक ही होती है। हमारी राहें अलग अलग हो सकती हैं, पर रास्ते सबके एक हैं। हम अपने दिल में शक्ति, भक्ति, अनुरक्ति से इंसानियत की रोशनी को जगमगाते रखें।

अपेक्षा है हम किसी भी धर्म या संप्रदाय को माने, लेकिन मनमानस में सत्य, नैतिकता, अहिंसा को सदैव समाहित रखें। इंसानियत की लौ को प्रज्वलित रखें। अपने जीवन व्यवहार को ऊंचा रखें। जो व्यक्ति अपने कार्यों, विचारों, व्यवहारों से ऊंचा रहता है, वह सबके लिए सम्माननीय बन जाता है। अतः जरूरी है हमें खुद पर अनुशासन करना चाहिए, अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और व्यक्ति-व्यक्ति के मन में सद्भावना का दिया जलाए रखें।  साध्वी श्री ने विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि हम धर्म गुरुओं का दायित्व है कि हमारे अनुयायियों में मैत्री और नशा मुक्ति का दीया जलाएं। ताकि हमारी युवा पीढ़ी सही दिशा की ओर अग्रसर बन सके, तो धरती पर स्वर्ग उतर जाएगा। 

साध्वीश्री ने कहा धर्म मानवता की मुंडेर पर जलता हुआ चिराग है जो जीवन के अंधेरों को दूर करता है। पर आज उसकी ज्योति मंद हो रही। उस मंद ज्योति को तेजोदिप्त करना हम सबका धर्म व दायित्व रहता है। हम सब अलग-अलग संप्रदाय के लोग आज यहां उपस्थित है। संप्रदाय अनेक हो सकते हैं पर धर्म सदा एक ही रहता है, वह है मानव धर्म। आचार्य तुलसी ने अणुव्रत के माध्यम से मानव धर्म की व्याख्या की। अणुव्रत इंसान को इंसान बनाने की कला सिखाता है। सारे धर्म इंसान को इंसानियत का बोध पाठ देते हैं। आज मंच पर जैन, बौद्ध, मुस्लिम व इस्लाम धर्म के प्रतिनिधित्व करने वाले धर्म गुरु उपस्थिति है। हम सबको अपने अपने मजहब मे रहते हुए सद्भावना, मैत्री व प्रेम का दीप प्रज्वलित करना है। ताकि पूरी मानव जाति आलोकित हो सके। 

इस्लाम धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए जनाब अमिल साहेब शेख इशाक भाई ने कहा हम सबका धर्म एक ही है वह है मानव धर्म। इंसान इंसानियत से जिए तो यही जन्नत है। अगर इंसान अपनी इंसानियत खो दे तो धर्म को कोई सार तत्व नहीं बचेगा। अगर तुम और कुछ भी ना कर सके तो कम से कम किसी की राह में पत्थर तो मत बनना, जो दूसरों को ठोकर लगाता रहे। यही बात भगवान महावीर, हजरत मोहम्मद साहब एवं बड़े महापुरुषों ने कही है। हम उन्हें जीवन में उतारे एवं जीवन को सुन्दरतम बनाए।  ईसाई धर्म के फादर थॉमस इलंगो ने  भावनाएं प्रेषित करते हुए कहा रिलीजन (धर्म) तो वे ऑफ लाइफ है, जीवन जीने का तरीका है। अच्छे ह्यूमन का वातावरण पैदा करता है, डिसिप्लिन ऑफ लाइफ को सिखाता है। अच्छे इंसान की बात करता है।

आचार्य श्री ने अणुव्रत की बहुत सुंदर व्याख्या की है। उन्हें सभी समझे एवं जीवन को शानदार बनाए।  बौद्ध भिक्षुक बुद्ध प्रकाश ने कहा मनुष्य के जीवन में सबसे बड़ी महत्वपूर्ण है शांति, सौहार्द एवं भार्तृत्व भावना। यही मनुष्य का सच्चा धर्म है।धर्म समानता, स्नेह, खुशी का पैगाम देता है। अगर मनुष्य अहिंसा, सत्य, अदत्त, ब्रह्मचर्य और नशा मुक्ति को अपना लेते लेता है तो जीवन शांतिमय व आनन्दमय बन जाएगा।  ब्रम्हाकुमारी नीलिमा बहन ने कहा हम अहिंसक हैं, किसी की हत्या नहीं करते, किंतु क्या हम वाचिक हिंसा नहीं करते। किसी का दिल नहीं तोड़ते। मन को चोट नहीं पहुंचाते। यह सब हिंसा के रूप है। किसी के प्रति सहानुभूति एवं किसी के प्रति नफरत ऐसे क्यों। सब के प्रति प्रेम भावना होनी चाहिए यही सच्चा धर्म है।  डॉ साध्वी सुधाप्रभा ने प्रांसगिक विचार व्यक्त किये। सभी धर्म गुरुओं ने साध्वीश्रीजी के प्रवचन शैली की तारीफ की एवं अणुव्रत समिति को सुंदर आयोजन के लिए साधुवाद दिया।

अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आँचलिया ने सभी का स्वागत एवं तेरापंथ सभा निवर्तमान अध्यक्ष विमल चिप्पड ने उद्धार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन उपाध्यक्षा मंजू गेलडा ने किया। मंगलाचरण अणुव्रत समिति कार्यकर्ताओं ने किया। अणुव्रत समिति मंत्री अरिहंत बोथरा एवं संगठन मंत्री अशोक छल्लाणी ने धर्म गुरुओं का परिचय एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। सभी धर्मगुरुओं को अणुव्रत समिति की ओर से सम्मानित किया गया। तेरापंथ सभा अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, कार्यक्रम प्रायोजक श्री महेंद्र वडेरा, संपतराज चौरडिया एवं सभी संघीय संस्थाओं के पदाधिकारी एवं श्रावक श्राविकाओं की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम की सफलता में कोषाध्यक्ष पंकज चोपड़ा, राजकरण बैद, कमल आच्छा, सुरेश तातेड़, मनोज गादिया, निर्मला छल्लाणी इत्यादि कार्यकर्ताओं का सराहनीय श्रम रहा। उपरोक्त जानकारी सहमंत्री स्वरूप चन्द दाँती ने दी।
           

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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