कार्यक्रम स्थल पर पहली बार मां पद्मावती की 13 फीट की प्रतिमा तथा मां लक्ष्मी व मां सरस्वती की प्रतिमा विराजित होंगी। जिनके समक्ष हवन, आराधना, अनुष्ठान एवं संगीतमय भक्ति होगी। यह विस्तृत जानकारी शुक्रवार को दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी ने पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार वृहद स्तर पर सबसे बड़े संकुल एवं सबसे बड़े मंच से यह आयोजन इंदौर की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने में प्रभावी साबित होगा।
उन्होंने 10 दिवसीय आयोजन में बॉलीवुड एवं टीवी के कलाकारों द्वारा मनोरंजन के साथ आध्यात्मिकभक्ति कराए जाने की जानकारी दी। डॉ वसंतविजयजी ने बताया कि भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता एवं धार्मिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए नवरात्रि पर्व में मंत्रों की शक्ति को भक्तों में प्रवाहित कर लाभान्वित किया जाएगा। जाप, साधना व पूजा के लिए विशेष महत्व रखने वाले नवरात्र महोत्सव में युवा वर्ग को अधिकाधिक संख्या में जोड़कर भक्ति रूपी कृपा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि डांडिया कल्चर के विरुद्ध आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने के उद्देश्य से यह आयोजन अपनी दिव्यता एवं भव्यता को साबित करेगा।
कार्यक्रम में महोत्सव के अध्यक्ष अभय बागरेचा, मुख्य संयोजक अरविंद जैन, डॉ सुनिल मंडलेचा, जितेंद्र बाफना, सिद्धार्थ डोशी, पंकज जैन, विपिन पगारिया व अनिल लुणावत आदि ने आमंत्रण पत्रिका का विमोचन किया।
साधना के शिखर पुरुष, अनंत साधनाओं को गुफाओं-कंदराओं, हिमालय के पर्वत एवं श्मशानों तथा नदी के किनारे दिव्य सिद्धियां प्राप्त करने वाले यतिवर्य, मंत्र शिरोमणि डॉ वसंतविजयजी महाराज साहब के पावन सानिध्य में नवरात्रि पर्व के पावन 10 दिनों में अति दिव्य सिद्ध लक्ष्मी यंत्र को अभिमंत्रित किया जाएगा।
इस लक्ष्मी चरण पादुका यंत्र पर विराट 10 दिवसीय अखंड कुमकुम अर्चित सहित अति विशेष सिद्ध विधान होगा। प्रतिदिन 24 घंटे 30 ब्राह्मण पंडित (एक समय में 11 बैठकर) अखंड महालक्ष्मीजी का सिद्ध जाप करेंगे तथा स्वयं गुरुदेवश्रीजी हवन करेंगे। डॉ वसंतविजयजी ने बताया कि मध्य प्रदेश के इतिहास में विश्व मंगलकारी सबसे लंबे अर्थात वृहद स्तर के संकुल में इस आयोजन में भक्ति के साथ ब्रह्मांड की मंगलकारी विधियां होगी।
उन्होंने बताया कि विश्वव्यापी आर्थिक मंदी के दौर में मां लक्ष्मी के आगामी दीपावली पर्व के मद्देनजर नवरात्रि पर्व में ही लक्ष्मी चरण पादुका यंत्र को सिद्ध करके श्रद्धालुओं को प्रदान किया जाएगा, जो कि घर-घर लक्ष्मी व समृद्धि प्रदान करेगा। यह यंत्र देश और दुनिया के किसी भी शहर के श्रद्धालु को प्राप्त हो सकेगा इसकी व्यवस्था भी महामहोत्सव समिति द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहली बार प्रत्यक्ष रुप से माता-पिता का विविध महा मंत्र के उच्चारण के साथ सेवा रूप में विधि विधान पूर्वक पूजन-अर्चन का भी कार्यक्रम होगा।
इंदौर वासियों को संस्कारमय भक्ति मिले व जन-जन के कल्याणार्थ यह आयोजन मातृ पितृ ऋण से मुक्त कर व्यक्ति के जीवन को धन्य बनाएगा। यह कार्यक्रम आयोजन के दसवें दिन समापन से पूर्व होगा।
पौधारोपण कर व्यक्ति पौधों पर कोई एहसान नहीं करता, बल्कि प्रकृति में अनेक प्रकार के ऐसे पौधे हैं जो आध्यात्मिक विज्ञान के तहत व्यक्ति के जीवन को लाभ प्रदान करते हैं व सुखद तथा सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं।
इंदौर ही नहीं प्रदेश भर में नवरात्र महोत्सव के दौरान 300 प्रकार के विशेष उल्लेख के साथ पौधों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी जो लोगों को जागृत करेगी।
राष्ट्रसंत डॉ वसंतविजयजी ने बताया कि सामाजिक दृष्टि व सरकारी सहयोग के तहत पौधारोपण से आध्यात्मिकता बढ़ाने, समृद्धि प्रदान करने, एकजुटता तथा आरोग्यता बढ़ाने वाले पौधों की जानकारी इस प्रदर्शनी में मिल सकेगी।