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आस्तिकता समकित का मूल हैं

आस्तिकता समकित का मूल हैं

*🏳️‍🌈प्रवचन वैभव🏳️‍🌈*

8️⃣

💛

36)

*आस्तिकता*

*समकित का मूल हैं..*

*आस्तिकता अर्थात*

*आत्म स्वरूप की आस्था.!*

37)

पूर्व के

अनुसंधान के लिए

सद् चारित्रो का उल्लेख है.!

38)

*धर्म कथाएं*

*कथनी करणी का*

*अंतर मिटाने के लिए होती है.!*

39)

हमारा संसार

हमारे सुख दुख

आदि सब विकृतियां

पर की तरफ हमारे

जुकाव का ही परिणाम हैं.!

*इसमें अन्य कोई कारण नही हैं.!*

40)

मन का संसार नही छूटा

तो बाह्य त्याग का क्या अर्थ.?

*_(श्री राजप्रश्नीय सूत्र प्रवचन )_*

🌧️

*प्रवचन प्रवाहक:*

*साहित्य मनीषी कृपापात्र*

सद् साहित्य सर्जक

मुनिश्री वैभवरत्नविजयजी म.सा.

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*

श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैन संघ

@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर

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