किलपाक विराजित साध्वी मुदित प्रभाजी ने आज के प्रवचन में कहा कि पूरी दिनचर्या में हम ठीक है सूत्र को अपनाएं तो किसी भी परिस्थिति में हम अपने कषायो को जागृत ना होने दे। ठीक है को इंकार के रूप के बजाय स्वीकृति के रूप में ले। इस सूत्र को अपनाने के बाद हम स्वयं को बहुत हल्का महसुस करते हैं।
दुनिया की आलोचनाओं को सुनकर हम अपने संकल्पों को अधूरा छोड़ देते हैं। सामने वाला चाहे आलोचना करे या गलती करे तो हमे ठीक है सूत्र को ध्यान में रखते हुए अपने हृदय में राग-द्वेष को उत्पन्न ना होने दे तभी हमारा घर-समाज शांतिमय बना रहेगा।
जो समता का सूत्र हम रोज सामायिक मे सीखते हैं, उसी सामायिक को रोज़मर्रा की दिनचर्या में अपनाने का प्रयास करेंगे तो जीवन सुखमय होगा।