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आनंद-धाम की पुण्यधरा पर “प्रथम स्वाध्यायी सम्मेलन” संप्पन्न

आनंद-धाम की पुण्यधरा पर “प्रथम स्वाध्यायी सम्मेलन” संप्पन्न

आनंद-धाम की पुण्यधरा पर “प्रथम स्वाध्यायी सम्मेलन” संप्पन्न! अहिल्यानगरः महाराष्ट्र प्रवर्तक पु कुंदन ऋषिजी म.सा.,मानवता के मसीहा पु. आदर्श ऋषिजी म. सा. शिक्षा प्रणेता पु आलोकऋषिजी म.सा एवं अनेक साध्वी व्रुंदो के निश्रा मे आज आचार्य सम्राट , राष्ट्रसंत पु. आनंदऋषिजी म.सा.के 125वे जन्मोत्सव वर्ष का औचित्य सामने रख आज स्वाध्याय संघ एवं श्रावक संघ का प्रथम अधिवेशन समाज के गण मान्य नेता गण एवं अनेक स्वाध्यायी भाई-बहन एवं श्रावक श्राविका के उपस्थिती में अनेक आध्यात्मिक विचार सेवा समर्पण, सहयोग, धर्म संस्कार, एवं युवा पीढ़ी को धर्म संस्कारो से जोड़ना आदि गुरु गुरुणीसा एवं वक्ताओं के विचारो से सम्मेलन की शुरुवात एवं समापन हुआ!

गत 45 वर्षसे स्वाध्याय संघ अपनी अविरत सेवा दे रहा है और 450 से अधिक स्वाध्यायी तयार हुये हैं और पर्युषण कालमें अपना समर्पण देते है! स्वाध्याय सम्मेलन में प्रमुख अतिथी रुपमे श्री तिलोकरत्न स्थानकवासी धार्मिक परिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष एवं श्री अ.भा.श्वे.स्था. जैन कॉन्फ़्रेंस के पुर्व अध्यक्ष नेमिचंदजी चोपडा, पुर्व अध्यक्ष पारस जी मोदी, अविनाश जी चोरडीया, पुर्व राष्ट्रीय महामंत्री पारसजी छाजेड, श्रीमान जवरीलालजी कांकरीया, प्रा. अशोकजी पगारीया, सतीश जी ( बाबुसेठ) लोढा, आ नि प्रा श्री संघ के अध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी, उद्योजक सतीश जी बनवट, डॉ. सुमतीलालजी लोढा, श्रीमान अमोलकचंदजी पारख, शोभाचंदजी संचेती, दिनेश जी मुनोत, प्रा प्रकाश कटारिया एवं अनेक श्री संघो के पदाधिकारी उपस्थित थे! पु आदर्श ऋषिजी ने स्वाध्याय संघ द्वारा प्रदान सेवा की सराहना करते हुये साधु साध्वीयों की कम होने वाले संख्या पर चिंता व्यक्त की! ज्यादा से ज़्यादा स्वाध्यायी तयार हो इसका स्वाध्याय संघ लक्ष केंद्रित करे यह बताया!

मुख्य अतिथी नेमीचंदजी चोपड़ा ने अपने माता पिताने बच्चों को संस्कारक्षम बनाने का और धर्म से ज़्यादा से ज़्यादा युवापिढी जुड़े यह एहलान किया! अविनाश जी चोरडीया ने मोबाईल के अधिकतम वापर पर गहरी चिंता जताई और धर्म और सत्संग से जुडनेका एहलान किया! आकुर्डी के संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने अपने वक्तव्य मे 300 घरोमे 13 स्वाध्यायी तयार हुये जिनका प्रतिकरण कंठस्थ है यह गौरवान्वित बात बताते हुये अपने श्री संघ के माध्यम से स्वाध्याय संघ को यथासंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया! स्वाध्यायी की और से सौ शारदा जी चोरडीया, सौ स्मिताजी कुचेरिया, श्री आदेश जी बाफणा, रोशन जी गेलडा, समता जी मुथा, दिनेश जी मुनोत ने अपनी बात रखी ! अमोलकचंदजी पारख जी ने भी अपने विचार रखते हुये सभी स्वाध्यायीयों का प्रतिक्रमण कंठस्थ हो यह भाव रखे! पु. गुरुदेव आदर्श ऋषिजी म.सा. ने आगामी दो वर्ष के लिये अध्यक्ष रुपमे पुना निवासी श्री दिनेश जी मुनोत की स्वाध्याय संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रुप मे घोषणा कर मार्गदर्शक उपाध्यक्ष आद् कार्यकारिणी की घोषणा की! समर्पित भावसे स्वाध्याय संघ के लिए गत अनेक वर्षोसे कार्यरत श्री निर्मल जी छाजेड जी को नवाज़ा गया! सम्मेलन मे पधारे सभी संघाध्यक्ष को एवं अतिथीयोंको आचार्य भगवंत की प्रतिमा दे सन्मानीत किया गया! से आकुर्डी श्री संघ के एवं पिंपरी चिंचवड के उपस्थित स्वाध्याय मे शारदा चोरडिया, सुनंदा लोढा, स्मिता राका, सुशीला कटारिया पुणे, मंजू संचेती, नीता ओसवाल, कांता खिंवसरा, पिंपळे सौदागर, हितेश सुराणा, छाया, लोढा रामवाडी, नलिनी छाजेड चिंचवड, मंगल डाकालिया पिंपरी, पोपटलालजी कर्नावट, हितेश सुराणा, पुनम जैन आदि उपस्थित थे! कार्यक्रम का सुत्र संचलन बेंगलुरु से पधारी त्रुप्ति जैन ने किया!

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