चेन्नई. तांबरम जैन स्थानक विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा कि आध्यात्म में सफलता पाने के लिए सत्य एवं सरलता के मार्ग पर चलना जरूरी है। असत्य एवं वक्रता के रास्ते पर पर चलकर परमात्मा को नहीं पाया जा सकता।
उन्होंने कहा जब तक असत्य है तभी तक संसार है। सत्य के आने पर तो संपूर्ण संसार ही मोक्ष को प्राप्त हो जाएगा। कम बोलना चाहिए लेकिन सत्य बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक बोलने से अच्छा है कि कम बोलें लेकिन तभी बोलें जब बोलना जरूरी हो। ज्ञान के लिए विनय जरूरी है तथा ईश्वर तक पहुंचने के लिए ज्ञान।
आवेश में व्यक्ति विवेकहीन होकर अपनी वाणी पर से नियंत्रण खो देता है। आध्यात्मिक सफलता की तरह ही वास्तविक यश के मूल में भी सत्य ही होता है। उन्होंने कहा स्व, समाज अथवा देश किसी के भी विकास के लिए सत्य एवं धर्म के मार्ग पर चलना जरूरी है।
साध्वी अपूर्वा ने कहा मात्र तीर्थंकर का नाम स्मरण भी हमारे मन पर अपना तीव्र प्रभाव छोड़ता है। उन्होंने कहा कि नवकार मंत्र हमारा रक्षा कवच है जो किसी भी अनिष्ट से हमारी रक्षा करता है।