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आध्यात्मिक साधनामय वर्षावास में वर्च्युअल पर्युषण महापर्व का सीधा प्रसारण अवध संगरीला से

आध्यात्मिक साधनामय वर्षावास में वर्च्युअल पर्युषण महापर्व का सीधा प्रसारण अवध संगरीला से
श्रमण संघीय चतुर्थ पट्टधर आचार्य सम्राट पूज्य डॉ श्री शिवमुनिजी म. सा. के मंगलमय सान्निध्य में इस वर्ष घर बैठे आप सभी श्री अंतकृत दशांग सूत्र का वांचन एवं आत्मज्ञानी सद्गुरु की मंगल वाणी श्रवण कर सकते हैं। सूरत। अखिल भारतवर्षीय श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रमण संघीय श्रावक समिति के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री सुनील सांखला जैन ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण एवं प्रशासन के नियमानुसार व सभी के स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अवध संग्रीला सूरत चातुर्मासार्थ विराजित श्रमण संघीय चतुर्थ पट्टधर आचार्य सम्राट पूज्य डॉ. श्री शिवमुनिजी महाराज के मंगलमय सान्निध्य में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व इस वर्ष घर बैठे जैनाचार्यजी यूट्यूब चैनल एवं जैनाचार्य वेबसाइट पर शनिवार, दिनांक 4 सितंबर से शनिवार, 11 सितम्बर 2021 प्रातः 8.30 बजे से पूरे विश्व के सभी श्रद्धालु श्री अंतकृतदशांग सूत्र का वांचन एवं आत्मज्ञानी सद्गुरु आचार्य श्री जी की मंगल वाणी श्रवण कर सकते हैं। पर्वाधिराज पर्युषण में पूज्य आचार्यश्री डॉ. श्री शिवमुनिजी म. सा. के प्रतिदिन प्रवचन का सीधा प्रसारण जैनाचार्यजी यूट्यूब चैनल एवं जैनाचार्य वेबसाइट पर होगा। श्रावक समिति के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री सुनील सांखला जैन ने बताया कि रविवार, दिनांक 12 सितम्बर 2021 प्रातः 8 से 8.30 बजे शिवाचार्यश्री जी द्वारा क्षमापना पर मंगल संदेश फरमाएंगे। कार्यक्रम का प्रसारण देखने के लिए जैनाचार्यजी यूट्यूब चैनल को लाइक सब्सक्राइब करें। www.youtube.com/jainacharyaji & www.jainacharya.org/live ऑनलाइन दैनिक कार्यक्रम निम्नानुसार होंगे : श्री अन्तकृतदशांग सूत्र वांचन – प्रातः 8.30 बजे से 9.30 बजे तक शिवाचार्य वाणी प्रातः 9.30 से 10 बजे तक प्रातः 10:00 बजे से प्रत्याख्यान, ध्यान एवं आचार्यश्री जी द्वारा मंगल पाठ। आचार्यश्री जी ने सभी श्रद्धालुओं को प्रेरणा दी है कि पर्वाधिराज की आराधना तप त्याग से करें। जितना हो सके यथाशक्ति दान, शील, तप, भावना की आराधना करें। पर्वाधिराज महापर्व पर्युषण में अधिक से अधिक नमस्कार महामंत्र जाप, सामायिक, संवर, पौषध, प्रतिक्रमण, आत्म ध्यान, कायोत्सर्ग, तपस्या का भाव रखें। रात्रि भोजन त्याग, सचित व जमीकंद का त्याग, विगयत्याग, शील पालन आदि का त्याग कर उत्कृष्ट आराधना करें। संवत्सरी महापर्व पर अधिक से अधिक पौषध करने का भाव रखें। कोरोना वायरस के कारण सभी सरकारी निर्देशों का पालन करें।

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