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आध्यात्मिक रत्नो को हमें बटोरना है! डॉ. राज श्री जी।

आध्यात्मिक रत्नो को हमें बटोरना है! डॉ. राज श्री जी।

रत्नदिप जैसा शासन हमें मिला है, मानव जीवन आध्यात्मिक कमाई का केंन्द्र मिला है, आध्यात्मिक रत्नो को हमें बटोरना है! डॉ. राज श्री जी। आज आकुर्डी स्थानक भवनमें “ पुच्छिसुणं” जाप के ऑंठवी गाथा का संपुट संप्पन्न हुआ! आज अनंत चतुर्दशी का पर्व उपवास के तप आराधना से मनाया गया ! 25 बहनोने एक निरंकर उपवास कर 14 वे तिर्थंकर अनंतनाथ भगवानकी आराधना महासतीयोके सानिध्यमें की! अनंतचतुर्दशी का पर्व चौरासी नाथकी संवत्सरी रुपमे मनाया जाता है!

अनंत चतुर्दशीका पावनपर्व विष्णु भगवानकी आराधनासे मनाया जाता है! आध्यात्मिक खजाना धर्म की पॅुंजी है ! यह सुरक्षीत धन है! डॉ. मेघाश्री जी ने “ पुच्छिसुणं” का जाप करवाया! साध्वी समिक्षा श्री जी ने “ उम्र थोडीसी हमको मिली थी, मगर ओ भी घटने लगी देखते देखते” यह सुंदर भजन पेश किया! कु.मिक्षा ओस्तवाल इस बालिका ने लोग्गस का पठन किया! आज महासाध्वी उपप्रवर्तिनी डॉ. प्रियदर्शनाजी, साध्वी डॉ.प्रणयदर्शनाजी एवं साध्वी इशदर्शनाजी के मंगल आशिर्वाद एवं दर्शन हेतु पहॅुंचे जैन कॉन्फ़्रेंस दिल्ली के पदाधिकारी गण एवं विविध श्री संघोके पदाधिकारी डॉ. अशोकजी पगारीया, सुभाषजी ललवाणी, सागर जी साखला मोहन जी संचेती।

नितीनजी बेदमुथा, अशोकजी बागमार, राजेंन्द्रजी बांठिया, राजेंन्द्र जी चोरडीया, नंदलालजी लुंकड, डुंगरवाल जी, प्रकाश मुनोत, वैभव छाजेड मनोहर जी लोढा, वसंत जी मुथा, मंडलेचा जी आदि

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