कडलूर. आयंगुडीपल्लम स्थित वेंकटेश हायर सेकण्डरी स्कूल में आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अहंकार एक ऐसा तत्व है जो किसी भी काम का नहीं होता। आदमी धन का, विद्या का, ज्ञान का, बल, सुन्दरता का अहंकार कर लेता है, किन्तु आदमी को किसी भी चीज का अहंकार नहीं करना चाहिए। आदमी को अहंकार से बचने और विनीत बनने का प्रयास करना चाहिए।
जो आदमी, पशु या देवता भी अविनीत होते हैं, उन्हें दु:ख प्राप्त हो सकता है। मनुष्य, पशु और देवता को सुविनीत बनने का प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थी सुविनीत हो तो उसमें विद्या का अच्छा विकास हो सकता है। आदमी को अपने जीवन में घमंड से दूर रहने और स्वयं को सुविनीत बनाने का प्रयास करना चाहिए।
आचार्य के प्रवचन के पश्चात विद्यालय के असिस्टेंट प्रधानाध्यापक नारायणम ने विचार रखे। विद्यालय की छात्राओं ने गीत का संगान किया। चेन्नई तेरापंथ सभा के अध्यक्ष धर्मचंद लूंकड़ ने अपने सहयोगियों के साथ आचार्य के दर्शन किए।