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आत्म साधना ध्यान से ही सिद्धीया प्राप्त कर सकते है: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

आत्म साधना ध्यान से ही सिद्धीया प्राप्त कर सकते है: महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा.

नागदा जं. निप्र– महावीर भवन में महासति पूज्य दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि आत्मा ही परमात्मा है, इसको केवल आत्मध्यान साधना से प्राप्त कर हम सिद्धियों को प्राप्त कर सकते है हमको प्रभु से मिलन करना हो तो बिना प्रयास के हम सफल नहीं हो सकते । प्रत्येक मानव केवल अपने शरीर के लिये साधना करता है। महासति पूज्य वैभवश्रीजी ने कहा कि अपनी आत्मा की मजबुती के लिये शरीर की शुद्धता पवित्रता होना परम आवश्यक है।

पूज्य महासति काव्याश्रीजी ने कहा कि परमात्मा ने मानव को शरीर रूपी तीन मंजीला मकान दिया है पैर से लेकर कमर तक, कमर से गले तक, गले से सिर तक पर इसको चमकाने दिखाने एवं खुबसूरत दिखाने के लिये हमको बहुत कुछ करना पड़ता है। महासति नाव्याश्रीजी ने कहा कि ब्युटी पार्लर या मेन्स पार्लर में जाने के बाद भरी जवानी में भी आदमी बुढ़ा दिखाई देने लगता है पूता हुआ शरीर अलग ही दिखाई पड़ता है लेकिन ओरीजनल का नूर अलग ही दिखाई देता है।

 मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ व नितिन बुडावनवाला ने बताया कि पूजनीय महासति तपस्वी श्री सौम्याश्रीजी म.सा. के 14 उपवास की तपस्या चल रही है तेले की लडी चांदनी पोरवाल जाप की प्रभावना पारस पोखरना अतिथि सत्कार का लाभ श्रेणिक सौरभ सचिन बम ने लिया। श्रमण संघीय पूज्य आचार्य सम्राट डॉ. शिवमुनिजी म.सा. की 81वीं जन्म जयन्ति के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय धार्मिक उत्सव आज से प्रारम्भ होंगे।

 आभार चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला एवं श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत ने माना।

दिनांक 15/09/2022

 मीडिया प्रभारी

    महेन्द्र कांठेड

  नितिन बुडावनवाला

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