पर्युषन पर्व की आराधना करते हुए बताया यह पर्व संदेश देने आया है आत्म गुनो का करो अविष्कार विकारों का करो बहिष्कार जीवन को करो स्वीकार पापोका करो इनकार यह सब पाव दिखलाता हैl स्वयं में जीने का रास्ता सीखना है इस पर्व में फेश रीडिंग, ड्रेस रीडिंग हेयर रीडिंग करना नहीं है अब हमें सोल रीडिंग करना है पर आज हम कौन सा रीडिंग कर रहे हैंl
ध्यान में रहे भाई हो तो ऐसा इसके बारे में बताते हुए कहां अच्छे रिश्ते और वादों की शर्तों की जरूरत नहीं होती उसके लिए दो बातों की खूबसूरत दो लोगों की जरूरत होती हैl एक जिस पर भरोसा कर सके, इसको समझ सके बस यह दो ही बातें चाहिए भाई भाई का एक सुंदर रिश्ता होता है पर इस रिश्ते में पेट्रोल डालने वाला तीसरा ही होता हैl वीकनेस संतोषी होता है लोगों को अच्छा हुआ अच्छा रहना किसी का आगे बढ़ाना सुहाता नहीं हैl
आज हम देख रहे संसार की हालत में क्या है क्या परिस्थितियों बन गई है परिवारों की ध्यान रखना है ना कोई छोटा है ना कोई बड़ा हैl हमें आपस में मिलकर सभी को गले लगाना है लगाया हमने आए हम पर वह मनाने पर भाई को क्षमा याचना की अपनी नहीं की तो कौन सा पर्व मना रहे हैंl आप पर्व की पुकार है हमने करोड़ का धन कमाया उसमें हमें आनंद नहीं आया पर जब भाई को गिरते हुए को उठाया उसे संभाल उसे बढ़ायाl
उसने आनंद आया भाई रावण के भी थे भाई राम के भी थे पर विभीषण ने क्या किया राम को साथ दिया मरते वक्त रावण ने भी कह दिया घर का भेदी लंका ढाए राम जी जी आप बनवा गए तो लखन ने साथ दियाl हमने क्या किया भाई की परिस्थितियों बदल गई तो मुख मोड़ लिया हमें ऐसा करना नहीं हैl वाइन संतोषी होता है जो सुख से किसी को जीने नहीं देता वह भी सामने वालों को मंत्र देता हैl उकसाने का कार्य करता है पर हमें इस मंत्र का प्रयोग नहीं कर धैर्य श्री जी ने अंतागढ़ की बात ना करते हुए आत्माओं का वर्णन करते हुए बताया हैl
आराधना करना है हमें क्वांटिटी नहीं चाहिए क्वालिटी चाहिए पर्व से बड़ा कोई तीर्थ नहीं हैl आपको तीर्थ के पास जाना पड़ता है पर पर्व आपके पास खुद चल कर आए हैं सिर्फ आपको एक डग भरना हैl कर्मों को तोड़ना है साधना में जुड़ना है आओ चले साधना करें मुक्त बने राखी की गादियां, इंदु जी कटारिया इन्होंने अपना वक्तव्य रखा श्री अशोक जी बाठिया ने संचालन कियाl