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आत्मा से संसपृष्ठ चेतना का नाम अध्यात्म है, जहा अध्यात्म है वहा परम आनंद एवं परम आल्हाद की अनुभूति होती है: साध्वी श्री उज्ज्वलप्रभा जी

आत्मा से संसपृष्ठ चेतना का नाम अध्यात्म है, जहा अध्यात्म है वहा परम आनंद एवं परम आल्हाद की अनुभूति होती है: साध्वी श्री उज्ज्वलप्रभा जी

मदुरै: रविवार स्थानीय तेरापंथ भवन में आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री उज्ज्वलप्रभा जी ने दैनिक प्रवचन में फरमाया की आत्मा से संसपृष्ठ चेतना का नाम अध्यात्म है, जहा अध्यात्म है वहा परम आनंद एवं परम आल्हाद की अनुभूति होती है। अध्यात्म के प्रति – आस्था होना जीवन की सर्वोत्तम उपलब्धि है। आत्म जागरण के क्षण विरले व्यक्ति को ही प्राप्त होते है। मनुष्य जन्म जागने के लिए और जानने के लिए मिला है। साध्वी श्री अनुप्रेक्षाश्री ने कहा की जीवन यह छोटा शब्द है, तीन अक्षर और एक ही मात्रा हे किंतु इसमें अनेकों अनेकों रहस्य भरे पड़े है।

कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या मंडल के मंगलाचरण द्वारा हुआ , कार्यक्रम दरमियान तेरापंथ सभा अध्यक्ष जयंतीलाल जीरावला, महिला मंडल अध्यक्ष नैना पारख, तेयूप अध्यक्ष संदीप बोकड़िया, सभा के संगठन मंत्री शांतिलाल बुरड़, सभा सहमंत्री गौतम गोलेछा, सभा के मीडिया प्रभारी अशोक जीरावला, अमृत चोपड़ा खुशबु दुगड़, हिराली जैन आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए गुरूदेव के प्रति खुब खुब कृतज्ञता ज्ञापित की ओर साध्वी श्री जी का पुन: स्वागत करते हुए साध्वी श्री को कहा की हमारे मदुरै तेरापंथ समाज द्वारा आप की सेवा में कोई अविनय अचाधना हुई हो तो हम सभी क्षमायाचना चाहते हे ।

साध्वी श्री जी का परिचय ते. महिला मंडल एवं ज्ञानशाला के बच्चो ने चारों ही साध्वी श्री जी का प्रतिरूप बनाकर अनोखे ढंग से संवाद के द्वारा स्वागत करते हुए सम्पूर्ण परिचय दिया।

कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन मधु पारख ने किया । धन्यवाद ज्ञापन सभा मंत्री धीरज दुगड़ ने किया।

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