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आत्मा में बसे अंतर गुणों की साधना है, आराधना है: साध्वी चन्दन बाला

आत्मा में बसे अंतर गुणों की साधना है, आराधना है: साध्वी चन्दन बाला

राजा जी करेडा के जैन स्थानक मे जैन साध्वी डॉ चन्द्र प्रभा जी ने कहा तपस्या करने वालो को अंतर हृदय से आशीर्वाद दिया है। रिया गन्ना एवं रामलाल जी सोनी की तपस्या पर कहां तपस्या अनंत कर्मो को क्षय कर, आत्मा में बसे अंतर गुणों की साधना है, आराधना है। तपस्या दुख की आ तापना लेकर आत्म सुखों की साधना है। तपस्या करने से न सिर्फ आत्म निर्मल होती है बल्कि कितने ही अनंत कर्मो का क्षय होता है।

साध्वी चन्दन बाला ने कहा कीतपस्या अनंत कर्मो को क्षय कर, आत्मा में बसे अंतर गुणों की साधना है, आराधना है। तपस्या दुख की आ तापना लेकर आत्म सुखों की साधना है। तपस्या करने से न सिर्फ आत्म निर्मल होती है बल्कि कितने ही अनंत कर्मो का क्षय होता है।

साध्वी आनन्द प्रभा ने कहा वो बहुत भाग्यशाली होते है जो तपस्या का अमृत का रसपान करते है और आत्म को निर्मल कर चंदन के भांति पावन हो जाते है। कहते है जिनकी आराधना सच्ची होती है और भाव निर्मल होते है देवगण भी उनके घर चंदन की बरसात करते है और तपस्वी की जय जयकार करते है। तभी तो तपस्या को जिनशासन में ऊँचा दर्ज़ा दिया गया है।

साध्वी विनीत प्रज्ञा जी ने कहा भगवान ने कर्म निर्जरा के अनेक उपाय बताए हैं। उनमें से तप यह उत्तम उपाय है। जिस प्रकार जमीन, पानी, वायू की अनुकूलता होने पर वनस्पति लहलहा उठती है। वैसे ही चातुर्मास के दिनों में प्राकृतिक वातावरण भी अनुकूल होता है। गुरु भगवंतो के सानिध्य से हमें तपस्या करने की प्रेरणा मिलती है।

कहां भी है, ‘भव कोडी संचियं कम्मं, तवसा निज्जरिज्जइ’ अर्थात तपस्या के माध्यम से करोड़ों भव के कर्म की भी हम निर्जरा कर सकते हैं। भौतीक कामना से रहित तप आत्म कल्याण की सुनहरी आभा बिखेर सकता है। आपकी तपस्या की हम अनुमोदना करते हैं एवं आपके ज्ञान ध्यान तप में वृद्धि हो यही शुभकामनाएं देते हैं।

इस धर्म सभा में भी हमसे रतन लाल जी मारू, चांदमल जी दक, समुंदर सिंह जी संचेती, बंटी जी, गौतम जी गन्ना, मद्रास से पुष्पा जी बाफना श्री ताल से राजू जी देरसारिया, पधारे संघ ने आप सबका स्वागत किया एवं तपस्या की पावन बेला में रामलाल जी सोनी एवं रिया गन्ना का स्वागत सत्कार किया गया।

महिला मंडल बालिका मंडल युवा मंडल ने तप की बोली लगाकर आपका अभिनंदन किया। महावीर जी गन्ना ने गुरु माता की बनी संस्था जय आनंद जन परमार्थ संस्थान में 11000 देने की घोषणा की। संचालन छीतरमल जी बणवट ने किया, सूचना चन्दन सिंह राठौड़ ने दी।

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