कोडम्बाक्कम वडपलनी श्री जैन संघ के प्रांगण में आज तारीख 22/08/2022 सोमवार को प.पू. श्री सुधा कंवरजी मसा ने भगवान महावीर की मंगलमय वाणी का वाचन करते हुए फ़रमाया:-उत्तरा ध्यान सूत्र के छः आवश्यक में चौथा आवश्यक सूत्र “प्रतिक्रमण” पापों को शुद्ध, हृदय को निर्मल, आत्मा को उज्जवल बनाने में सहायक बनता है! भूतकाल में हुयी भूलों की आलोचना करना प्रतिक्रमण कहलाता है! प्रतिक्रमण आत्मा के शुद्धिकरण की स्नान है! पापों का शुद्धिकरण करना आवश्यक है। लेकिन आज इंसान पाप को छुपाता है और पुण्य को प्रकट करता है। होना यह चाहिए कि पाप को प्रकट करें और पुण्य को छुपाए।
प.पू.सुयशा श्रीजी के मुखारविंद से:-हम हमारी जिम्मेदारी खुद नहीं लेते! माफी मांगना और करना दोनों ही मुश्किल है हमारे लिए! जिससे हम चिढ़ जाते हैं वो कोई अच्छा काम करें तो भी हमें गलत ही लगता है! जितना जल्दी हो, माफी मांग लेने से और माफ कर देने से बहुत सी समस्याएं अपने आप सुलझ जाती है यानि क्षमा से समाधान! समय बहुत दुर्लभ होता है और कीमती भी होता है! जो समय चला गया वह कभी वापस आने वाला नहीं है! वैसे हम तो दिनभर व्यस्त रहते हैं हमारे पास समय नहीं रहता! लेकिन हम जिस चीज को, जिस काम को या जिस व्यक्ति को प्राथमिकता देते हैं उसके लिए हम समय निकाल लेते हैं! हमें क्रिकेट देखना है हमें पिक्चर जाना है हमें होटल जाना है हमें बाहर घूमने जाना है तो हम समय निकाल लेते हैं! लेकिन हमें भक्ति में जाना है गुरु भगवंतो के पास जाना है तो हमारे पास समय नहीं रहता!
हम रुपए पैसे का हिसाब रखते हैं क्योंकि हमारे लिए जरूरी है! हमारे घर में इलेक्ट्रिक बिल का पेट्रोल का गाड़ी के खर्चे का हिसाब रखते हैं, ध्यान रखते हैं, फिजूलखर्ची से बचते हैं, क्योंकि हमें इनकी कद्र है लेकिन समय को बर्बाद करते रहते हैं क्योंकि हमें लगता है कि समय हमें मुफ्त में मिला है! समय अपनी गति से बिना भेदभाव के सभी के लिए बराबर ही चलता है, चाहे वो गरीब हो या वो धनवान! भेदभाव तो हम लोग करते हैं!पानी व्यर्थ जा रहा है तो हम नल बंद करते हैं लेकिन जिंदगी बर्बाद हो रही है तो उसका ध्यान नहीं रखते! संतों का प्रवचन सुनने के लिए हमारे पास 1 घंटे का टाइम नहीं रहता है! मुफ्त में मिले प्रवचन का और मुफ्त मिले समय की हम कदर नहीं करते।
“Time is rare and precious”.
हमें समय का सदुपयोग करना चाहिए! आज की धर्म सभा में अजमेर, किशनगढ़ एवं चेन्नई के कई उपनगरों से श्रद्धालु गण उपस्थित हुए।