चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा की जाप की शक्तियों के बारे में जानना आसान नहीं होता है। जाप की शक्ति का धीरे धीरे जीवन में असर होता है। जब असर शुरू होता है तो जीवन के दुख अपने आप ही खत्म होते चले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि सांसारिक दुखों से दूर होना है तो शांति जाप को सच्चे मन से कर लेना चाहिए। जब तक साधना में सच्ची लगन नहीं आएगी तब तक जाप सफल नहीं होगा। जीवन में शांति लानी है तो शांति जाप कर लेना चाहिए।
जाप करने के बाद मन वचन काया को बिल्कुल शांत कर देना चाहिए। इसको अगर महसूस करेंगे तो यह शरीर में प्रवाहित हो जाएगी। दिमाग को जितना शांत रखेंगे उतना ही जीवन शांत होगा। उन्होंने कहा मन में प्रसन्नता आ जायेगी अगर परमात्मा को शांत मन से याद करें। खुद में ऐसा विचार लाना चाहिए कि हम स्वस्थ है।
जब मनुष्य खुद की भीतर से अवलोकन करेगा तो उसकी ऊर्जा बढ़ती जाएगी। खुद को परमात्मा के जितना करीब मानेंगे उतना करीब होते जाएंगे। आत्मा का अवलोकन करेंगे तो आत्मा शुद्ध हो सकती है।
साध्वी समिति ने कहा कि जैसे बच्चा स्कूल में कुछ सीखता है तो बार बार दोहराता रहता है तो उसे परीक्षा के दौरान ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
उसी प्रकार से चारित्र वर्णन सुनते हुए जीवन में उतारते गए तो सफलता मिल जाएगी। जीवन मे आगे जाना है तो सुनने के साथ जीवन में उतारते जाएं। साध्वी सुविधि ने नवग्रह शांति जाप कराया।