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आत्मानुमुंखी बन संघ के प्रति रहे समर्पित : साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी

आत्मानुमुंखी बन संघ के प्रति रहे समर्पित : साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी

साहूकारपेट, चेन्नई पहुंची तेरापंथ महासभा टीम

साहूकारपेट, चेन्नई; संस्था शिरोमणि जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में आयोजित तमिलनाडु पंचदिवसीय संगठन यात्रा के अन्तर्गत आज महासभा टीम साहूकारपेट, चेन्नई तेरापंथ सभा भवन में पहुंची। साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में “संघ के प्रति हमारा दायित्व” विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने कहा कि जो व्यक्ति आत्मसाधना में लीन होगा, आत्मानुमुंखी होगा, वह संघ के प्रति भी जागरुक रहेगा। पद आता है, जाता है, लेकिन हम श्रावक कार्यकर्ता बने रहे, यह हमारी धरोहर हैं। महासभा ही नहीं अपितु सभी संघभक्त, तेरापंथी श्रावक समाज के हर व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक दृष्टि पर भी ध्यान रखते हैं। हमारा मूल दायित्व बने कि हम अपनी शक्ति, सामर्थ्य से संघ और संघपति के प्रति श्रद्धा, निष्ठा भाव से समर्पित रहते हुए सेवा कार्य करें।

तेरापंथी महासभा अध्यक्ष श्री मनसुखलालजी सेठिया ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। आपने कहा कि धर्म संघ हमारा अस्तित्व है, हम अपने अस्तित्व के प्रति जागरूक रहे। धर्म संघ की मर्यादा, अनुशासन पर सजग बने। गुरु के चिन्तन पर क्रियान्वयन हम सब का दायित्व बने। संघ की ओजस्विता बढने पर हम भी ओजस्वी बन जाते हैं। हम नकारात्मक विचारों पर ध्यान न दे, अपितु सकारात्मकता से अपना चिन्तन, ममन, विचार को ऊच्च रखें।

महासभा उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र नखत, आंचलिक प्रभारी श्री देवराज आच्छा, सभा प्रभारी श्री विमल चिप्पड़ आदि ने अपने वक्तव्य के माध्यम से महासभा के करणीय कार्यों की रुपरेखा रखी। साध्वीवृंद ने सामूहिक गीतिका का संगान किया। इस अवसर पर महासभा संरक्षक श्री प्यारेलाल पितलिया, उपासक शिविर संयोजक श्री जयन्तीलाल सुराणा इत्यादि गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। सभाध्यक्ष उगमराज सांड ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन तेरापंथ सभा मंत्री अशोक खतंग ने किया। तेरापंथ सभा द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया।

  समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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