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ज्ञान वाणी

आत्मरक्षा का करें प्रयास : आचार्य श्री महाश्रमण

आत्मरक्षा का करें प्रयास : आचार्य श्री महाश्रमण
माधावरम् स्थित जैन तेरापंथ नगर के महाश्रमण समवसरण में आचार्य श्री महाश्रमण ने रक्षाबंधन के पर्व पर कहा कि आज श्रावण की पूर्णिमा हैं| आज के दिन बहने भाइयों के राखी बांधती हैं, पर हम भी हमारी आत्मा को बहन बनाएं और इसकी रक्षा का ध्यान रखें| पापाचार से बचने का प्रयास करें| नई पीढ़ी के लिए विशेष प्रेरणा देते हुए आचार्य प्रवर ने कहा कि वे होटल में रहे या हॉस्टल में, जहां मांसाहार बनता हो, वहां खाना न खाएं| धूम्रपान, मद्यपान से भी दूर रहे|
आचार्य श्री आगे कहा कि ठाणं सुत्र में दो तीर्थंकरों का नाम आया है, जिनका नील वर्ण था| हर तीर्थंकर के गृहस्थ जीवन में भी अहिंसा की चेतना जागृत रहती हैं| आचार्य श्री ने बाईसवें तीर्थंकर अरिष्टनेमि की घटना का वर्णन करते हुए कहा कि जब वे शादी के लिए जा रहे थे, तो रास्तें में पशुओं की करुण पुकार सुनकर उन्होंने अपना रथ वापस मोड़ कर शादी की जगह संयम मार्ग को स्वीकार कर लिया| आचार्य श्री ने कहा कि हम सभी अपने जीवन  में अहिंसा की चेतना का विकास करे| अनावश्यक हिंसा से बचने का यथासंभव प्रयास करें|
 आचार्य श्री ने आगे कहा कि तीर्थंकर अध्यात्म जगत के सर्वोच्च नेता होते हैं| उनसे बड़ा नेता होना असंभव हैं| तीर्थंकर संपूर्ण ज्ञानी, तीर्थ की स्थापना  करने वाले और अध्यात्म जगत के अधिकृत प्रणेता होते हैं| तीर्थंकर जैसा अतिशय केवली के भी नहीं होता है| तीर्थकर के 34 अतिशय और 35 वचनातिशय होते हैं|
आचार्य श्री ने काल-चक्र के दो विभागों की विवेचना करते हुए कहा कि वर्तमान में अवसर्पिणी काल ह्रास की ओर जा रहा है| इसमें ज्ञान का, मनुष्य की आयु और उसकी अवगाहना का भी ह्रास हो रहा हैं| वर्तमान में भरत क्षेत्र में तीर्थकर या केवली नहीं हैं| महाविदेह क्षेत्र में हर समय कम से कम 20 तीर्थकर हैं और उत्कृष्ट 160 तीर्थकर हो सकते हैं|
  आचार्य श्री ने आगे कहा कि जब उत्सर्पिणी काल आयेगा तब भरत क्षेत्र में भी ज्ञान का विकास होगा, केवली और तीर्थकर होंगे|
साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा ने रक्षाबंधन के अवसर पर कहा कि *मंत्र के जप से भी रक्षा कवच तैयार होता है|* सबसे बड़ा रक्षा कवच है, नमस्कार महामंत्र, मंगल पाठ एवं अर्हत् वन्दना| साधक आत्मसंयम की दिशा में आगे बढ़ते हुए इंद्रियों पर संयम करें|
  साध्वी सुषमाप्रभा ने तपस्या के लिए प्रेरणा दी|
  *रक्षा बंधन पर बहन को दी तप रूपी आध्यात्मिक भेट*
   साध्वी श्री सिद्धांतप्रभा को रक्षाबंधन पर आध्यात्मिक उपहार देते हुए उनके संसार पक्षीया बहन सुश्री कोमल बोहरा ने 28 का एवं संसार पक्षीय भाई कुलदीप बोहरा ने 13 के तप का प्रत्याख्यान आचार्य प्रवर के श्रीमुख से किया| सुश्री सीमा सुराणा ने आठ की तपस्या का प्रत्याख्यान किया| कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार ने किया|
   *मेगनम कम्पनी के कर्मचारियों ने पूज्य प्रवर से पाया प्रेरणा पाथेय*
  चेन्नई स्थित मेगनम कम्पनी के कर्मचारी आचार्य प्रवर के श्री चरणों में पहुंचने पर आचार्य श्री ने उन्हें नैतिकता, ईमानदारी, नशामुक्त, मांसाहार मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए संकल्प स्वीकार करवाये| मुनि श्री कुमारश्रमण ने भी आध्यात्मिक प्रेरणा दी|
      “आचार्य श्री महाश्रमण क्लिनिक में पधारे पूज्य प्रवर”
   *तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी आज प्रात:कालिन भ्रमण के समय तेरापंथ युवक परिषद् चेन्नई द्वारा संचालित “आचार्य श्री महाश्रमण क्लिनिक” पधारे। अभातेयुप सहमंत्री श्री रमेश डागा ने गतिविधियाँ निवेदित की। “आपश्री ने मंगल पाथेय प्रदान कराते हुए मंगल पाठ प्रदान कराया।” आपश्री की इस कृपा दृष्टि पर तेयुप परिवार धन्य धन्य हो गया। आपश्री के प्रति बहुत बहुत कृतज्ञता! इस अवसर पर तेयुप अध्यक्ष श्री भरत मरलेचा, मंत्री श्री मुकेश नवलखा सहित तेयुप परिवार उपस्थित था।
   *संथारा पूर्वक पण्डित मरण*
   *तपस्विनी सुश्री उषा कुमारी डूंगरवाल* (सुपुत्री : स्व. मांगीलालजी डूंगरवाल, बीदासर निवासी रॉयपेट, चेन्नई प्रवासी) ने शनिवार, प्रात: 07.00 बजे परमाराध्य आचार्य श्री महाश्रमणजी के श्रीमुख से संथारा का प्रत्याख्यान किया| उच्च भावों के साथ प्रात: 07.17  बजे पर उन्होंने संथारे में पंडित मरण का वरण किया।
       विशेष ज्ञातव्य  :-
   *परम् पूज्य आचार्य प्रवर के मंगल सान्निध्य में उन्होंने 15-08-2018 को संलेखना के रूप में सिद्धी – तप परिसम्पन्न कर अभी भी वे तपस्या में संलग्न थी|*   सायं 4 बजे माधावरम् स्थित महाश्रमण नगर से निकली *वैकुंठी यात्रा* में हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता रही| पुरे मार्ग में जय घोषों और धार्मिक गीतों से वातावरण आध्यात्ममय बना रहा|
     *✍ प्रचार प्रसार विभाग*
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति, चेन्नई
       स्वरूप  चन्द  दाँती
विभागाध्यक्ष  :  प्रचार – प्रसार
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति

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