*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*शासननिष्ठ सद्गुरु*
*सूरि जयन्त सेन कृपाप्राप्त,*
श्रुत साधक क्षमाश्रमण,
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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आज्ञा ही
परम मंगल है.!
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अपने
गुण वैभव को
जानने मानने से
उस पर श्रद्धा करने से
गुण वैभव प्रगट होता है.!
*_513)_*
विचारों से
व्यवहार का
निर्माण होता हैं.!
*_514)_*
मान सम्मान,
लोक संज्ञा को
पुष्ट करने में
समय बरबाद करना
अधःपतन का मार्ग है.!
*_515)_*
वासना में
लिप्त व्यक्ति कभी
निर्लेप नही बन सकता.!
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*