Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

आचार्य सम्राट श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब आने वाले श्रद्धालुओं को आयंबिल तप करने की प्रेरणा देते थेl 

आचार्य सम्राट श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब आने वाले श्रद्धालुओं को आयंबिल तप करने की प्रेरणा देते थेl 

🙏जय जिनेंद्र सा🙏

*हमारे भाईन्दर में विराजीत*** उपप्रवृत्तिनि *संथारा प्रेरिका सत्य * साधना ज*गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान है** वह रोज हमें प्रवचन के* *माध्यम से नित नयी वाणी* सुनाते हैं* वह इस प्रकार हैं*

बंधुओं जैसे कि आज हमारे यहां पर श्रमण संघीय द्वितीय पटधर राष्ट्र संत आचार्य सम्राट पूज्य श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब की जन्म जयंती मनाई गई एवं 200 आयंबिल हुए एवं गूरुर्णि मैया याने उनके बारे में सभी जानकारी दी सामायिक एकास ना उपवास आदि भी हुए आचार्य सम्राट श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब आने वाले श्रद्धालुओं को आयंबिल तप करने की प्रेरणा देते थेl

 इस वशिष्ठ तप साधना की भली-भांति परिचित कराते हुए इस जीवन में अपने हेतु प्रेरणा भी देते थेl संत आचार्य भगवंत की जन्म जयंती के प्रसंग पर प्रतिवर्ष आयंबिल तक की साधना आराधना करवाई जाती हैl इस वर्ष इस प्रार्थना को पूरे भारतवर्ष में एक ही दिन एक ही साथ किया गया हैl

 आचार्य भगवंत के प्रति अपनी श्रद्धा भक्ति समर्पित करने का एक आदित्य एवं अनुपम अवसर हैl आयंबिल तप की महिमा अपूर्ण है जैन आत्मा में 12 प्रकार के तप का उल्लेख है और सभी प्रकार के तप का बड़ा महत्व बताया गया हैl मानव द्वारा बांधे गए कर्म काटने के लिए भी भाव जीव अपनी क्षमता अनुसार तपकरते हैं यह हमारा सौभाग्य हैl

आयंबिल जैसी परम विशिष्ट तपकी आराधना केवल और केवल जैन धर्म में ही पाई गई हैl किसी अन्य धर्म में आयंबिल तप जैसे की बात नहीं की गई हैl नवपद ओली जैसे महत्वपूर्ण आराध्या भी आएंगेl तप के माध्यम से ही होती हैं उत्तम मनुष्य को मिलता हैl

 आयंबिल तप से जहां मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता हैl ज्ञान संकट दूर होता है सील संकट दूर होता हैl असाध्य रोग दूर होते हैं देश संकट दूर होता है और सबसे महत्वपूर्ण कर्मों की निर्जरा होती हैl आई आयंबिल तप का अपना विशिष्ट महत्व हैl श्रद्धेय आचार्य भगवंत पूज्य श्री आनंद ऋषि जी महाराज साहब की जन्म जयंती के उपलक्ष में भाईंदर में 200 से ज्यादा आयंबिल हुए हैंl

जय जिनेंद्र जय महावीर कांता सिसोदिया भायंदर

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar