आचार्य तुलसी के 108 वें जन्म-दिवस का आयोजन
साहुकारपेट, चेन्नई :- तेरापंथ सभा भवन में साध्वीश्री अणिमाश्री के सान्निध्य में तेरापंथ के नवम् गणपाल गुरुदेव श्री तुलसी का 108वॉ जन्म-दिवस श्रद्धालु श्रावक श्राविकाओं की उपस्थिति में मनाया गया। साध्वी अणिमाश्री ने अपने श्रद्धासिक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कहा- आचार्य तुलसी आलोकधर्मी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने आलोक का जीवन जीया एवं दुनिया को आलोक दिया। आचार्य तुलसी का समग्र जीवन महकते गुलदस्ते की तरह है। उनके जीवन के हर कण की सौरभ अद्वितीय है, विलक्षण है। मानवता के मंगल कलश का हर चिंतन, निर्णय और क्रियान्विती के गठबंधन के साथ गतिशील रहता था। उनके अवदानों की प्रलम्ब श्रृंखला, कीर्तिमानों का उज्ज्वल इतिहास, पराक्रम की प्रचण्डताओं का अद्भुत वेग आज भी धर्मसंघ की हर धड़कन में अभिनव प्राणों का संचार कर रहा है। उनके जीवन-गणित के समीकरणों का तराजु तलहटी से शिखर तक पहुंचकर शब्दातीत अनुभव का स्पंदन कर रहा है। तोलमाप के ये शाब्दिक बटखरे महासागर के अचाह जल की थाह नहीं पा सकते। प्रबल पुण्याई के अक्षयधाम की धवल कीर्तिध्वजाएं दिगदिगन्त में लहराती हुई सात समन्दर पार तक युग पुरुष के अक्षय- गौरव की कहानी कह रही है। अक्षय ऊर्जा के स्रोत को जन्म-दिवस पर शत-शत नमन।
साध्वी कर्णिणाश्री ने कहा- आचार्य तुलसी ने तेरापंथ धर्मसंघ को अनगिनत अवदान दिए। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां आचार्य तुलसी ने अपने अमिट हस्ताक्षर न किये हो। साध्वी डॉ. सुधाप्रभा ने कहा- आज हम संकल्प करें कि आचार्य तुलसी के सपने हमारे अपने सपने बने। हम उन सपनों में नया रंग भरने का प्रयत्न करें। तुलसी के अवदान हमारे जीवन की मंजिल बनें। साध्वी समत्वयशा ने सुमधुर गीत का संगान किया। साध्वी मैत्रीप्रभा ने मंच संचालन करते हुए कहा- आचार्य तुलसी के जीवन में विरोधों के अंधड़ ही नहीं, तुफान आए। किन्तु वे रुके नहीं, झुके नहीं बढ़ते रहे। यही उनकी सफलता का महामंत्र था। टीपीएफ अध्यक्ष श्री राकेश खटेड ने विचार व्यक्त किए। महिला मंडल से श्रीमती राजश्री डागा ने विचार रखे। चेन्नई के साथ नागपुर, करनूल, जयपुर, अहमदाबाद, मुम्बई, बालोतरा, पचपदरा के श्रावक-श्राविकाओं ने इस अवसर पर भाव अभिवन्दना की।
प्रचार प्रसार प्रभारी, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा,
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई