किलपाॅक स्थित एससी शाह भवन में चातुर्मासार्थ विराजित आचार्य तीर्थ भद्रसूरिश्वर व अन्य साधु साध्वीवृन्द ने मंगलवार सुबह चातुर्मास परिवर्तन किया। वे यहां से चतुर्विध संघ के साथ गाजे बाजे से संघवी सोहनराज भरत साकरिया के आवास पर गए जहां उनकी वधामणा की गई।
वहां मुम्बई के संजय भाऊ ने शत्रुंजय की भाव यात्रा कराई और धीरज निब्जिया ने संगीत की प्रस्तुति दी। इससे पहले सुबह 5 30 बजे एससी शाह भवन में शत्रुंजय पट्ट दर्शन व देव वंदन का कार्यक्रम आयोजित हुआ। साकरिया परिवार ने आचार्य के प्रति आभार प्रकट किया और गुरु पूजन किया।
आचार्य ने इस मौके पर कहा आज चातुर्मास परिवर्तन ही नहीं सबका हृदय परिवर्तन हो। देव, धर्म, गुरु के प्रति हमेशा आस्था व श्रद्धा रखनी है। जो परम्परा चली आ रही है उसे आगे बढाना है।
उन्होंने कहा आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है। इस दिन दस करोड़ महात्माएं शत्रुंजय गिरिराज से मोक्ष में पधारी। हमारा सौभाग्य है कि शत्रुंजय गिरिराज हमें प्राप्त हुआ है। शास्त्रकार कहते हैं जो लोग वहां की यात्रा कार्तिक पूर्णिमा को करते हैं उनके पाप धुल जाते हैं।
उन्होंने उपस्थित जनसमूह को आशीर्वाद देते हुए कहा आपको जो ज्ञान मिला है उसे परिपक्व बनाकर जीवन में आपको शुद्ध धर्म व शुद्ध आत्म स्वरूप की प्राप्ति हो।
संघ को यही शुभकामना है कि जिनशासन व धर्म की प्रभावना अविरल चलती रहे, आप सब परमात्मा से जुड़ें और रत्नत्रयी की प्राप्ति हो। उन्होंने एससी शाह भवन में हर शनिवार को सामूहिक सामायिक व स्वाध्याय से जुड़ने की प्रेरणा दी।