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आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा का 61 वां दीक्षा दिवस

आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा का 61 वां दीक्षा दिवस

स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई :-

आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा का 61 वां दीक्षा दिवस श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ, तमिलनाडु के तत्वावधान में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट चेन्नई में सामायिक दिवस के रुप मे मनाया गया | उपस्थित श्रद्धालुओं ने महावीर चालीसा, हस्ती चालीसा व हीरा चालीसा की सामुहिक स्तुति की |

 आचार्यश्री के 61 वें दीक्षा दिवस कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रावक संघ के कार्याध्यक्ष आर. नरेन्द्रजी कांकरिया ने कहा कि माटी हैं पीपाड़ की चन्दन,जन्मे दो-दो रघु नन्दन | आचार्य हस्ती व आचार्य हीरा दोनों की जन्मभूमि पीपाड़ हैं | पिता मोतीलालजी माता मोहिनी देवीजी गांधी के यहां जन्म लेने वाले हीरा के बाल्यकाल, दृढमय वैराग्य व दीक्षा का विवरण करते हुए वर्तमान में जिनशासन की स्थानकवासी परम्परा में वय,दीक्षा काल व आचार्य काल की दृष्टि से वरिष्ठतम आचार्यश्री हीराचंद्रजी म.सा के जिनशासन,चतुर्विध संघ में योगदान संघ-समाज पर उपकारों का वर्णन किया |

आज के पावन दिवस को भारतवर्ष में जप-तप-त्याग पूर्वक मनाया जा रहा हैं | चेन्नई में अनेक श्रावक- श्राविकाओं के एकान्तर उपवास, सिद्धि तप एकासन तप आदि तपस्वियों की श्रावक संघ, श्राविका मण्डल,युवक परिषद व स्वाध्याय संघ तमिलनाडु की ओर से जिनशासन की शोभा में अभिवृद्धि करने वाले तपस्वियों की गतिमान तपस्या हेतु सुखसाता की पृच्छा की | जिनशासन,स्थानकवासी परम्परा में परम प्रतापी भूधरजी म.सा जयमलजी म.सा,रत्न वंश परम्परा के मूल पुरुष कुशलचंद्रजी म.सा व रत्नवंश के मूर्धन्य महापुरुषों सन्त रत्नों के योगदान की जानकारी देते हुए अष्ठम पट्टधर पूज्यश्री हीराचंद्रजी म.सा की प्रेरणा से श्री जैन महासंघ तमिलनाडु में हुए व बने समाज सुधार के नियमों का विस्तृत विवरण किया |

उन्होंने कल ज्ञान पंचमी के पावन अवसर पर जोधपुर में शक्ति नगर में चातुर्मास हेतु विराजित आचार्यश्री के चरणों मे भोपालगढ़ से बाफना परिवार के विरक्त बन्धुवर युवा ज्ञानेन्द्रजी बाफना की दीक्षा का आज्ञा पत्र रखा गया व चित्तूर से विरक्ता बहन योगिताजी सुराणा की दीक्षा तिथि की आचार्यश्री के मुखारविन्द से हुई घोषणा आज्ञानुवर्तिनी महासतीजी श्री इंदुबालाजी म.सा के सानिध्य में होने जाने की जानकारी दी |

श्रावक संघ तमिलनाडु के अध्यक्ष वीर पिता श्री पी.प्रेमकुमारजी कवाड ने अंतर के भावों से आचार्यश्री को व्यक्ति नही शक्ति के रुप में बताया और अपने बाल्यकाल को याद करते हुए नौ वर्ष की आयु में पिताश्री पृथ्वीराजजी कवाड के संग आचार्यश्री के दर्शन करने को अति सौभाग्य मय पल बताया |

 वीर भ्राता-वीरपुत्र अभयजी सुराणा ने जिनशासन व चतुर्विध संघ के विकास में आचार्यश्री की महत्वपूर्ण भूमिका पर भाव रखें |

वीर भाभी व पुत्रवधु वी.शशिजी कांकरिया व अखिल भारतीय श्राविका मण्डल के कार्याध्यक्ष संगीता जी बोहरा ने गुणगाण करते हुए सुन्दर राग में गुरुदेव के प्रति स्तुति भजन सुनाया |

युवक परिषद तमिलनाडु के शाखा सचिव आर.महावीरजी कर्णावट ने आचार्यश्री के गुणगान के संग युवक परिषद की गतिविधियां सारगर्भित रुप मे रखी |

 संघ के पूर्व मंत्री कुशल वक्ता स्वाध्यायी एम.जवाहरलालजी कर्णावट ने आचार्य भगवन्त के वर्तमान में फरमाए गए दुर्लभ प्रवचन का उल्लेख करते हुए प्रवचन के अंश पर प्रकाश किया कि सामायिक साधना का जीवन पर कैसा प्रभाव हो व सहनशीलता गुणों को कैसे विकसित करें |

 स्वाध्याय संघ तमिलनाडु के संयोजक ए.नवरतनमलजी बागमार ने दुर्लभ चार अंगों पर विस्तृत विवेचन करते हुए आचार्यश्री को ज्ञान-क्रिया का बेजोड़ संगम बताया |

वरिष्ठ स्वाध्यायी बी.चम्पालालजी बोथरा ने अनेक संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि आचार्य हस्तीमलजी म.सा द्वारा नवदीक्षित शिष्य हीराचंद्रजी म.सा को ज्ञान में पूर्ण पुरुषार्थ करने हेतु पण्डित रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया |

 स्वाध्यायी बन्धुवर श्री युवा रत्न मनिषजी जैन उज्ज्वल ने आचार्यश्री के दो विशिष्ट गुणों संघ सर्वोपरि व संघ के प्रति समर्पण कैसा हो पर अति सुन्दर विवेचन करते हुए गुणगान किए |

आठ व चार वर्ष के बालकों दर्श व मोक्ष चोरडिया ने आचार्यश्री के गुणगान रुप में अति सुन्दर गद्य,पद्य की प्रस्तुति दी |

श्री जैन रत्न विद्यालय, भोपालगढ़ के अध्यक्ष श्री एस.प्रसन्नचंदजी ओस्तवाल ने कवि सूर्यभानु की रचित स्तुति गीत सुनाकर आचार्यश्री के गुणगान करते हुए संघ के अंतर्गत क्रियात्मक कार्यों किये जाने चाहिए ऐसे भाव रखें |

वरिष्ठ स्वाध्यायी युवा विनोदजी जैन ने देवयं,चेइयं शब्दो की सुन्दर व्याख्या करते हुए परम उपकारी आचार्यश्री के जीवन में दोनों गुणों का घटित होना बताते हुए गुणगान किये |

सभी श्रद्धालुओं ने स्तुति करते हुए अनेक संस्मरणों द्वारा सुन्दर शैली में गुणगान किये | उपस्थित श्रावक- श्राविकाओं ने उपवास,एकासन आदि तप के प्रत्याख्यान किये | दीक्षा दिवस पर धर्मसभा में अम्बालालजी बसन्ती देवी कर्णावट,दीपकजी योगेशजी श्रीश्रीमाल,सज्जनराजजी प्रकाशदेवी बोथरा, के.प्रकाशचंदजी लीलादेवी ओस्तवाल,आर वीरेन्द्रजी कांकरिया, एच.प्रकाशचंदजी शर्मिला ओस्तवाल, के. कमलजी पीयूष ओस्तवाल, एम.संदीपजी ओस्तवाल, नवरतनमलजी रंजना विकास जी चोरडिया, महावीरचन्दजी, सुशीलादेवी मोहितजी छाजेड सी. प्रकाशदेवी बोथरा, बी. सुरेशजी बाफना, गणपतराजजी बाफना पुष्पलताजी गादिया, सन्तोषदेवी शिखरजी छाजेड डी. हंसराजजी बागमार, ए. भरतजी बागमार आदि श्रद्धालुओं की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | आवडी से पधारे वरिष्ठ श्रावक रत्न श्री मदनलालजी बोहरा ने मांगलिक सुनाई | तीर्थंकरों,आचार्य भगवन्तों उपाध्याय भगवन्त भावी आचार्यश्री,साध्वी प्रमुखा व समस्त चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग आचार्यश्री के 61 वीं दीक्षा तिथि पर सामायिक दिवस कार्यक्रम सुसम्पन्न हुआ |

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