Sagevaani.com/चेन्नई: आज रविवार 29 अक्टूबर 2023 को आचार्यश्री हमीरमलजी म.सा की पुण्यतिथि सामायिक दिवस के रुप में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट,चेन्नई में मनाई गई | धर्मसभा में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने पूज्य आचार्यश्री हमीरमलजी म.सा के गुण स्मरण करते हुए कहा कि नागौर में श्री नगराजजी -ज्ञानदेवीजी गांधी के यहां जन्में हमीरमल के ऊपर से गयारह वर्ष की वय में ही पिताजी का साया उठ गया | अपनी मातुश्री के संग पीपाड़ शहर में ननिहाल में आपका लालन- पालन हुआ |
रत्नवंशीय महासती श्री बरजूजी म.सा का संयोग मिलने पर आपकी मातुश्री को वैराग्य प्राप्त हुआ व आचार्यश्री रतनचंद्रजी म.सा के पास बर के समीप ही बिरांटिया ग्राम में अपने पुत्र हमीरमल को दीक्षित करने के पश्चात आचार्य हस्तीमल की मातुश्री रूपादेवी की तरह आप भी दीक्षित हो गयी | नवदीक्षित हमीरमलजी म.सा के घृत को छोड़कर बाकी चार विगयों का आजीवन त्याग,निरन्तर चार वर्षों तक एकान्तर उपवास की तपस्या,मेवे- मिठाई-फल आदि का त्याग,आजीवन दैनिक रुप से दस द्रव्यों के उपयोग की मर्यादा,एक ही चादर का उपयोग आदि अनेक नियमों का पालन करते थे । आपकी योग्यता को देखते हुए आचार्यश्री रतनचंद्रजी म.सा ने उन्हें रत्न संघ की भोलावन दी |
आचार्यश्री गुमानचन्द्रजी म.सा के देवलोकगमन पश्चात रत्नवंश के तृतीय आचार्य के रुप में उन्हें जोधपुर में आचार्य पद की चादर पछेवड़ी ओढ़ाई गई | आपने दीक्षा के पश्चात 39 चातुर्मास गुरुदेव की निश्रा में व आचार्य के रुप मे 9 चातुर्मास किये | आपने अनेक ग्रंथो की रचनाएं की आपकी लेखन कला अति सुन्दर थी | चंद्र प्रज्ञप्ति,सूर्य प्रज्ञप्ति, उपदेश रत्नकोष,भगवती हुण्डी,तेरह ढाल आदि अनेक रचनाओं व टीका आदि करते हुए जिनशासन में सुन्दर योगदान आपने दिया |
आप शास्त्र लेखन का कार्य करते थे | आपके अनेक ज्ञानी-ध्यानी- तपस्वी संत शिष्य रत्न हुए | नागौर में ही कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा को आपका संथारापूर्वक देवलोकगमन हुआ | कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने बताया कि पुण्यतिथि के प्रसंग पर विशेष रुप से सामायिक सूत्र पर लिखित परीक्षा आयोजित की गई जिसके अंतर्गत सामायिक के पाठों के अर्थ,32 दोष व प्रश्नोत्तरी रखी गई |
लिखित परीक्षा वरिष्ठ स्वाध्यायी बन्धुवर श्री आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने ली | धर्मसभा में श्री गौतमचंदजी मुणोत, रुपराजजी सेठिया, भाई दीपकजी व योगेशजी श्रीश्रीमाल, चम्पालालजी बोथरा, लीलमचन्दजी बागमार, मोहितजी छाजेड सामायिक परिवेश में उपस्थित रहे व लिखित परीक्षा में भाग लिया | जीवन व जैन संकल्प सूत्र, व्रत-नियम- प्रत्याख्यान -गुरु वन्दन, तीर्थकरों-आचार्य भगवन्तों, उपाध्यायश्री, भावी आचार्यश्री, साध्वी प्रमुखा समस्त चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग पुण्यतिथि सम्पन्न हुई |
प्रेषक :- आर नरेन्द्र कांकरिया, कार्याध्यक्ष, श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु 24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट, चेन्नईl