आचार्य हमीरमलजी म.सा का दीक्षा दिवस सामायिक दिवस के रुप में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में मनाया गया |
चेन्नई : आचार्यश्री हमीरमलजी म.सा का दीक्षा दिवस स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट, चेन्नई में मनाया गया | धर्मसभा में श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के पूर्व कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने पूज्य आचार्यश्री हमीरमलजी म.सा के गुण स्मरण करते हुए कहा कि नागौर में श्री नगराजजी -ज्ञानदेवीजी गांधी के यहां जन्में हमीरमल के ऊपर से गयारह वर्ष की बाल्य अवस्था में ही पिताजी का साया उठ गया | अपनी मातुश्री के संग पीपाड़ शहर में ननिहाल में आपका लालन- पालन हुआ |
रत्नवंशीय महासती श्री बरजूजी म.सा का संयोग मिलने पर आपकी मातुश्री को वैराग्य प्राप्त हुआ व आचार्यश्री रतनचंद्रजी म.सा के पास बर के समीप ही बिरांटिया ग्राम में अपने पुत्र हमीरमल को दीक्षित करने के पश्चात आपकी मातुश्री ज्ञानदेवीजी भी दीक्षित हुए | इसी तरह रत्नवंश में आचार्य हस्तीमलजी म.सा की मातुश्री रूपादेवी भी उनके [बालक हस्ती] के साथ दीक्षित हुए थे | नवदीक्षित हमीरमलजी म.सा के घृत को छोड़कर बाकी चार विगयों का आजीवन त्याग, निरन्तर चार वर्षों तक एकान्तर उपवास की तपस्या, मेवे- मिठाई-फल आदि का त्याग,आजीवन दैनिक रुप से दस द्रव्यों के उपयोग की मर्यादा, एक ही चादर का उपयोग आदि अनेक नियमों का पालन करते थे |
आपकी कुशल योग्यता को देखते हुए आचार्यश्री रतनचंद्रजी म.सा ने उन्हें रत्न संघ की भोलावन दी | आचार्यश्री गुमानचन्द्रजी म.सा के देवलोकगमन पश्चात रत्नवंश के तृतीय आचार्य के रुप में आपको जोधपुर में आचार्य पद की चादर पछेवड़ी ओढ़ाई गई | आपने दीक्षा के पश्चात 39 चातुर्मास गुरुदेव की निश्रा में व आचार्य के रुप मे 9 चातुर्मास किये | आपने अनेक ग्रंथो की रचनाएं की आपकी लेखन कला अति सुन्दर थी | चंद्र प्रज्ञप्ति,सूर्य प्रज्ञप्ति, उपदेश रत्नकोष, भगवती हुण्डी,तेरह ढाल आदि अनेक रचनाओं व टीका आदि करते हुए जिनशासन में सुन्दर योगदान आपने दिया |
आप शास्त्र लेखन का कार्य करते थे | आपके अनेक ज्ञानी-ध्यानी- तपस्वी संत शिष्य रत्न हुए | नागौर में ही कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा को आपका संथारापूर्वक देवलोकगमन हुआ | धर्मसभा में स्वाध्यायी बन्धुवर श्री वीरेन्द्रजी कांकरिया श्रावक संघ के उपाध्यक्ष गौतमचंदजी मुणोत, कोषाध्यक्ष अम्बालाल जी कर्णावट, रुपराजजी सेठिया, इंदरचंदजी कर्णावट, पदमचन्दजी श्रीश्रीमाल, भाई दीपकजी व योगेशजी श्रीश्रीमाल, लीलमचन्दजी बागमार, उच्छबराजजी गांग आदि सामायिक परिवेश में उपस्थित रहे | जीवन व जैन संकल्प सूत्र,व्रत-नियम- प्रत्याख्यान, गुरु वन्दन, तीर्थकरों-आचार्य भगवन्तों, उपाध्यायश्री, भावी आचार्यश्री, साध्वी प्रमुखा समस्त चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग पुण्यतिथि सम्पन्न हुई |
प्रेषक :- श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु 24/25 बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट, साहूकारपेट, चेन्नई मोबाइल