चेन्नई.साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि जो मानव सही और सच्चे मार्ग पर आगे बढ़ेंगे उनको चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन चलते चलते कुछ दूर जाकर मार्ग के बारे में पता भी करते रहना चाहिए।
सही मार्ग पर आगे बढ़ा तो साफलता निश्चित है। सही मार्ग सोच कर अगर गलत मार्ग में आगे बढ़ गए तो वापस आकर फिर से उस दूरी को तय करना पड़ जायेगा। इसलिए बुद्धिमानी इसी में है कि पग पग पर सही गलत का पता लगाते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अनजाने में गलत मार्ग पर बढ़ा जाए या जानबूझ कर बढ़ा जाए। परिणाम तो दोनों का उठाना ही पड़ेगा। आत्मा के मार्ग पर सब बढ़ रहे हैं तो उसका पता भी लगाते रहना चाहिए। आत्मा के मार्ग पर अगर गलत बढ़ेंगे तो समय के साथ जीवन भी बेकार हो जाएगा। आत्मा का मार्ग बहुत ही नाजुक होता है इसलिए इस मार्ग पर बहुत ही सोच समझ कर चलना चाहिए।
साध्वी सुविधि ने कहा कि आज हम परमात्मा की जिनवाणी का श्रवण करते करते 32वे सूत्र आवश्यक सूत्र में पहुच गए हैं। जीवन को भटके मार्ग से फिर से सही मार्ग पर पहुचाने के लिए मनुष्य को आवश्यक सूत्र का अध्यन करना ही चाहिए। परमात्मा के आगम के अंतिम सूत्र में मनुष्य के लिए मोक्ष का मार्ग है। 31 आगम मनुष्य पढ़े या न पढ़े लेकिन अंतिम सूत्र को पढ़ना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि किसी भी वस्तु या कार्य की अनुमोदना करते समय मन, वचन और काया जितना शांत होगा उतना ही जीवन सुखी होगा। आत्मा के ऊपर अस्त कर्मो के धूल चढ़ गए है और मनुष्य निश्चिन्त होकर बैठा है। अगर मनुष्य की आंख में धूल चला जाये तो बिना निकाले मनुष्य बैठता नहीं है तो आत्मा की बात आने पर केयू बैठ जाता है।
उन्होंने कहा कि जिनवाणी के दौरान मनुष्य आत्मा में प्रवेश करता है। अगर वहां के धूल साफ नहीं होंगे तो जीवन के धूल कभी साफ नहीं हो सकते है। मंत्री मंगल चंद खारीवाल ने बताया कि आगामी 12 तारीख को चातुर्मास कृतज्ञता दिवस मनाया जाएगा एवम 13 तारीख को सतीवृन्द का प्रथम विहार होगा।