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ज्ञान वाणी

आखें बरसे तो क्या किया जाए?

आखें बरसे तो क्या किया जाए?

मकान जले तो बिमा ले सकते है,
सपने जले तो क्या बकया जाए ?
आसमान बरसे तो छाता ले सकते है,
आखँ बरसे तो क्या बकया जाए?
एक अच्छा मित्र, एक दवा जैसा होता है
पर एक अच्छा ग्रुप, मेडिकल स्टोर जैसा होता है।
हमारी उपलबधियों में इसका भी योगदान होता है
क्योंकि समंदर में भले ही पानी उपर है,
परंतु सच तो यही है कि यह नदियों का उधार है।
जरा सी बात मतलब बदल जाते हैं,
उंगली उठी तो बेजती,
अंगूठा उठे तो तारीफ ।
जीवन है उपहार प्रभु का उसकी हिफाजत करना आपका हमारा फर्ज है,
जीवन सुंदर हो , जीवन अमतृ की बूंद है,
जीवनसुअवसर है, लाभ उठाये।
– साध्वी महाप्रज्ञा

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