आकुर्डी स्थानक भवन में पॉंच दिवसीय दिपावली विशेष कार्यक्रम का आयोजन! दिपोत्सव आत्म की पवित्रता से मनाना है! आत्म की चेतना जगानी है – डॉ. राज श्री जी ! महासाध्वी डॉ. राज श्री जी म.सा. डॉ. मेघाश्री जी म. सा. साध्वी समिक्षा श्री जी म.सा. एवं साध्वी जिनाज्ञा श्री जी म.सा. के पावन सानिध्य में उत्तराध्ययन सुत्र का वाचन, पठन बड़ी आस्था के साथ जारी है! आज 30 वे आध्याय तक का वाचन हुआ!
विविध द्रुष्टांत सह हर अध्याय का अर्थ समझाया जाता है! उत्तराध्ययन सुत्र के साथ आज पॉंच दिवसीय दिपावली के शुभ अवसरपर विशेष कार्यक्रम एवं अनुष्ठान का आयोजन किया गया है! आज सामुहिक रुपसे “लोग्गस्स “का जाप हुआ! अनेक धर्मप्रेमी मान्यवरोंने सुत्र एवं जाप में सहभाग लिया! 31 तारीख को “नमोत्थुण” 1 तारीख़ “नमो जिणाणं जीव भयाणं” 2 तारीख़ उत्तरा ध्ययन का 36 वाँ अध्याय और नुतन वर्ष की महामांगलिक एवं 3 तारीख़ को आचार्य पु. देवेंन्द्र मुनीजी का जन्मोत्सव मनाया जायेंगा!
डॉ. राज श्री जी ने प्रबोधन कर ते हुये भ. महावीर स्वामी जीने 16 प्रहरतक खडे खडे अंतिम देशना सुनायी और 18 देशके राजा प्रभु महावीर की देशना सुन रहे थे! विक्रम सवंत राजा विक्रमादित्य के कालसे प्रारंभ हुआ , उसकी विस्रुत जानकारी दी! साध्वी जिनाज्ञा श्री जी ने उत्तराध्ययन सुत्र का 30 वे अध्याय का पठन करने के पच्शात अपने वक्तव्य मे कहा लक्ष्य मात्र कौ पाना पराक्रम है ! जब अहंकार जाता है तब विनयभाव आता है! पापोका शुध्दीकरण होना ज़रूरी है !
धोका प्रतिष्ठान के अध्यक्ष श्री सुरेश जी धोका म.सा. के दर्शनार्थ पधारे थे ! विश्वस्त मंडल के औरसे संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी के करकमलोद्वारा उन्हें सन्मानीत किया गया! सुरेश जी के करकमलोद्वारा विश्वस्त नितिन जी छाजेड परिवार द्वारा कर्मचारियोंको मिठाई बॉंटी गयी! सभी उपस्थित धर्म अनुरागीयोंका संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने स्वागत किया!