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आंतरिक शांति विश्व शांति की कुंजी है: महासती धर्मप्रभा

आंतरिक शांति विश्व शांति की कुंजी है: महासती धर्मप्रभा

Sagevaani.com /चैन्नई। आंतरिक शांति विश्व शांति की कुंजी है।साहुकारपेट जैन भवन के मरूधर केसरी दरबार में महासती धर्मप्रभा ने नववर्ष गौतम प्रतिप्रदा पर पांचदिवस मौन साधना महामंगल पाठ और आर्शीवाद श्रध्दालूओं को प्रदान करतें हुए कहा कि हिंसा के मार्ग को त्यागकर भगवान महावीर स्वामी के बताएं गये अहिंसा के मार्ग पर सभी देश चलते है तो विश्व मे शांति और मैत्री की स्थापना हो सकती है।

आज सम्पूर्ण विश्व में अजारकता भय और अशांति का माहौल बना हुआ है। भाई-भाई का दुश्मन बना हुआ है।विश्व वंदनीय महावीर के अंहिसा सिध्दांत के मार्ग पर चलेंगे तभी विश्व में मेत्री प्रेम सोहर्द कायम हो सकता है। समस्याओ का समाधान बंदूक की गोली से नहीं,प्यार की मीठी बोली और शांति से ही समस्याओं का समाधान हम खोज सकते है। वरना मानव जाति को विनाश से कोई नहींं बचा सकता है। विरोधी को कभी विरोध से नहीं वरन सद्भावना एवं शांति से जीत सकते है। शांति ही वो सर्वोच्च मार्ग है। जिसके द्वारा सभी जीवों की रक्षा की जा सकती है।

श्रीसंघ के कार्याध्यक्ष महावीरचंद सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया की महामंगल पाठ कार्यक्रम में महानगरो के अनेक उपनगरो के श्रीसंघो के गणमान्य अतिथियों और स्थानीय साहुकारपेट श्रीसंघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, माणकचन्द खाबिया, देवराज लुणावत, महावीर कोठारी, शांतिलाल दरड़ा, शम्भूसिंह कावड़िया मंत्री सज्जनराज सुराणा,भरत नाहर, सागरमल कोठारी, पूरणमल कोठारी, उत्तमचन्द कोटड़िया, शांतिलाल लोढ़ा, मुकेश कोठारी, प्रकाश कोठारी देवीचंद बरलोटा, धर्मीचंद दरड़ा, जसराज सिंघवी आदि की उपस्थिति रही। इस दौरान अनेक भाईयो और बहनों ने महासती धर्मप्रभा, साध्वी स्नेहप्रभा से रात्रि भोजन के त्याग लिए। बुधवार से नियमित प्रवचन प्रातः 9:15 बजें से 10:15 बजें रहेंगे।

प्रवक्ता सुनिल चपलोत,

श्री एस.एस.जैन संघ, साहुकारपेट, चैन्नई

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