चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में विराजित साध्वी महाप्रज्ञा ने कहा कि व्यक्ति आकृति से नहीं अपनी प्रकृति से महान होता है। महान बनने के लिए जीवन में संयम और पराक्रम का होना बहुत जरूरी है।
उन्होंने बताया कि आजकल का आदमी थोड़ा सा वैभव मिलते ही अहंकारी हो जाता है। वास्तव में यह अहंकार ही उसके कल्याण में सबसे बड़ा बाधक बन जाता है। उन्होंने कहा कि अहं को त्याग एवं अर्हम को याद करने से ही जीवन कल्याण संभव है।
उन्होंने जीवन का उद्देश्य समझते हुए जिंदगी जीने का उपदेश दिया और कहा कि मृत्यु एक अटल सत्य है लेकिन कुछ लोग अपने नेक कर्मों की वजह से मरने के बावजूद अमर हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरलता, श्रद्धा, समभाव, विनय, विवेक आदि गुण मनुष्य को आगे बढ़ाते हैं जबकि द्वेष, इष्र्या, प्रपंच एवं विवाद आदि मानव विकास के बाधक तत्व हैं।
इस मौके पर सभा में साध्वीवृंद के दर्शनार्थ पहुंचे राजस्थान के पूर्व विधायक कन्हैयालाल झंवर एवं निर्मल बोरा का संघ के पदाधिकारियों ने सम्मान किया।