चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने गुरुवार को अवसर का महत्व समझने की बात कही। उन्होंने कहा चातुर्मास सभी के लिए जीवन कल्याण का संदेश लेकर आता है। इस दौरान परमात्मा के दिव्य वचनों को जेहन में उतारते हुए धर्म, आराधना, तप, जप द्वारा जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
लोगों को जीवन में बदलाव लाने के लिए सिर्फ एक बार मौका मिलता है जो उस मौके को समझ कर सदुपयोग कर लेगा उसका जीवन बदल जाएगा। अवसर जाने के बाद वापस लौट कर कभी नहीं आता। मिले अवसर का लाभ उठाते हुए मनुष्य को अपना कीमती समय धर्म और आराधना में लगाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मौका सभी को एक समान मिलता है। सदुपयोग करने वाले सफल और दुरुपयोग करने वाले विफल हो जाते हैं। विनयमुनि ने कहा परमात्मा से हमें मानव जीवन मिला है तो ज्यादा से ज्यादा धर्म, तप कर वर्तमान और अगले जन्म को बेहतर बनाने की कोशिश करें।
उन्होंने कहा अवसर रहते जो काम होता है वह अनूठा होता है, जो मनुष्य अपने जीवन को धर्म में लगाते हैं वहीं जीवन को सार्थक कर पाते है। सागरमुनि ने कहा परमात्मा का जगत के जीवों पर अनंत उपकार है। हमें उनके उपदेशों को याद करते हुए धर्म की ओर बढऩा चाहिए क्योंकि जहां विनय और जिज्ञासा होती है वहीं ज्ञान की प्राप्ति होती है।
ज्ञान आने के बाद उसका सदुपयोग करने वाला ज्ञानी होता है, दुरुपयोग करने वाला अज्ञानी कहलाता है। धर्मसभा में संघ के अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।