चेन्नई. श्री एएमकेएम जैन स्थानक पुरुषवाक्कम में चातुर्मासार्थ विराजित काश्मीर प्रचारिका उमरावकंवर ‘अर्चना’ सुशिष्याएं साध्वी कंचनकुंवर, राजस्थान प्रवर्तिनी साध्वी डॉ.सुप्रभा ‘सुधा’, साध्वी डॉ.उदितप्रभा ‘उषा’, साध्वी डॉ.हेमप्रभा ‘हिमांशु’, साध्वी डॉ.इमितप्रभा, साध्वी उन्नतिप्रभा, साध्वी नीलेशप्रभा का विहार वेपेरी स्थित विजयराज नितीनकुमार चोरडिय़ा के निवास पर हुआ।
प्रात: महासती मंडल के विहार से पूर्व सभी ने सामूहिक भक्तामर पाठ किया तत्पश्चात महासती हेमप्रभा ‘हिमांशु’ ने महासती मंडल की ओर से श्री संघ से खमतखामणा की और भोलावनी दी कि धर्म की गंगा संघ में सदा प्रवाहित होनी चाहिए। विदाई जुलूस में सभी की आंखें नम हो गई। जुलूस में बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में भक्तजन शामिल थे।
विहार कर महासती मंडल विजयराज नितीनकुमार चोरडिय़ा, वेपेरी के बंगले में पधारे। वेपेरी में राजस्थान प्रवर्तिनी डॉ.सुप्रभा ‘सुधा’ ने संबोधित करते हुए कहा कि सारा संसार आधि-व्याधि-उपाधि से संतप्त है। आधि मानसिक, व्याधि शारीरिक, उपाधि भौतिक दृष्टि से पीडि़त है।
अत: इन संतापों से मुक्त होने के लिए सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन, सम्यक चारित्र की आवश्यकता है। यह सब देव, गुरु, धर्म पर श्रद्धा रखने और जिनवाणी को जीवन में अनुशरण करने से होती है। समस्त संघ के सदस्यों ने हम सब को गमगीन मन से विदाई दी, आप सभी की सेवा, सुश्रुषा, अनुमोदनीय रही। आप लोगों की श्रद्धा, भक्ति व स्नेह अनुकरणीय है।
उन्होंने अंत में धर्म संदेश देते हुए कहा कि श्रमण संघ विराट एवं विशाल है, आप भी अपना मन विशाल रखें और आनेवाले हर साधु-साध्वी की सेवा करें, मंगलपाठ के बाद अल्पाहार की व्यवस्था रखी गई। इस अवस पर चातुर्मास समिति, संघ और समाज की अनेकों समितियों, उपसमितियों व सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
14 नवम्बर प्रात: 6 बजे वेपेरी से विहार कर रायपेटा पधारेंगे जहां रायपेटा स्थानक में स्वाध्याय एवं जयजाप तथा आचार्य जयमलजी म.सा. की दीक्षा जयंती मनाई जाएगी। 16 नवम्बर को अर्चना सुशिष्यांडल के सानिध्य में मईलापुर संघ के तत्वावधान में पू.मिश्रीमल महाराज का स्मृतिदिवस मनाया जाएगा।