अरसिकेरे (हासन): अरसिकेरे स्थानक भवन में विराजित पूज्य महासती श्री आगमश्रीजी म.सा आदि ठाणा के सानिध्य में प्रथम बार आगम वरघोड़ा एवं समवशरण का अद्भुत नजारा दर्शनीय था।
प्राप्त सुबह 8:15 बजे श्रीमती रेखाबाई मोहनलालजी भलगट के निवास स्थान से जैन धर्म के 32 आगमों का भव्याति भव्य वरघोड़ा प्रारंभ हुआ जिसमें माताओं ने बहुत सुंदर रूप से आगम सजा कर लाए और महासतीजी के सानिध्य में जयकारों के साथ स्थानक भवन में प्रवेश हुआ।
समस्त भलगट परिवार द्वारा पूज्य महासती जी को उत्तराध्ययन सूत्र बोहराया गया। नवदीक्षिता श्री धैर्याश्रीजी म.सा ने एक गीतिका प्रस्तुत करते हुए बताया आगम का अर्थ बताया आ याने अप्त पुरुष, ग याने गणधर, म याने महर्षि, इनके द्वारा बताई गई वाणी जिनवाणी, इसका पान जो करता है उसके सब रोग शोक मिट जाते हैं।
पूज्य महासती आगमश्रीजी म.सा ने बताया कि यहां जिनवाणी हीरे मानिक मोतियों से भी अनमोल है, अमृतमय ऐसी प्रभु की वाणी है, मंगलकारी है, भव विनाशिनी है, इसको सुनने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं,कल से 25 अक्टूबर तक आगम वाचन होगा। यह प्रभु की वाणी है इसको सुनकर अपने जीवन को धन्य बनाएं।
कार्यक्रम का संचालन संघ के पूर्व अध्यक्ष महावीर चंद बोहरा ने किया।
इस मौके पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष मोहनलाल भलगट, पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल बोहरा, जैन युवा कॉन्फ्रेंस के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट, युवा अध्यक्ष पुनीत गूगलिया, छगनलाल सोलंकी, आनंद गुगलीय, मदनलाल भलगट, अशोक बोहरा, घेवरचंद कांवरिया, शांतिलाल गुगलिया, मदनलाल कटारिया, सुरेश बोहरा, जितेंद्र भलगट, गौतम चोपड़ा, जितेंद्र राठौड़, सज्जन चोपड़ा, अशोक तालेड़ा, कमलेश गुगलिया, पंकज, नरेश, सुनील, भरत, अमरजीत आदि उपस्थित थे।