चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा भाव यज्ञ मनुष्य के लौकित कामनाओ की पूर्ती कर सकती है। भाव यज्ञ की ताकत दुनिया की हर चीज को बदल सकती है। लेकिन उसके लिए मनुष्य को यज्ञ करने के तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि तप करने के बाद भी मनुष्य मोक्ष का अधिकारी नहीं बन पाता है। ऐसा सिर्फ इसलिए है केउकी मनुष्य को आगम का बोध नहीं होता है। साधना के अभाव में मनुष्य स्वर्ग के मार्ग को बंद कर रहा है।
जब तक जीवन से यह अभाव दूर नही होंगे नर्क के मार्ग स्वर्ग में नहीं परिवर्तित हो सकते है। उन्होंने कहा कि एक से बढ़ कर एक शक्तिशाली इस संसार मे है पर फिर भी जीवन नही बदल पा रहे हैं। अपनी अज्ञानता की वजह से लोग शक्तियों को भूल गए हैं।
प्रवचन में जाकर मनुष्य कुछ देर तो आत्मा की चिंतन करता है फिर भूल जाता है। लेकिन याद रहे कि जैसे एक बार पढ़ाई करने से कोई बच्चा परीक्षा में पास नहीं होता। उसके लिए दिन रात मेहनत करने की जरूरत होती है। उसी प्रकार से लगातार चिंतन किये बगैर जीवन मे बदलाव नहीं हो सकता है।
जब तक स्वर्ग के मार्ग गठित नहीं होंगे नर्क के मार्ग बंद नहीं हो सकते हैं। खुद में महान शक्ति होने के बाद भी मनुष्य उन शक्तियों का अब तक शरीर के सुख के लिए इस्तेमाल किया है। उनका अगर आत्म के सुख के लिए इस्तेमाल किया गया होता तो आत्मा का कल्याण हो गया होता।
उन्होंने कहा कि संसार के भ्रम में फस कर मनुष्य अपनी शक्तियों को ऐसे ही गवा रहा है। जब शक्ति खत्म हो जाएंगी तो चाह कर भी आत्मा का कल्याण नहीं किया जा पायेगा। इसलिए अपनी वर्तमान की शक्ति को पहचान कर आत्म कल्याण करो।
अन्यथा जीवन कब समाप्त हो जाएगी पता भी नहीं चलेगा।आज यहा पर 14 मंगल गौतम लब्धि कलश का बोली लगाए गए। अनेक गुरु भक्तों ने इस बोली में भाग लेकर इस मंगल कलश को दीपावली के दिन अपने घर पर ले जाने का सौभाग्य मिला।