तेरापंथ महिला मण्डल द्वारा अन्नपूर्णा कार्यशाला का हुआ आयोजन
साध्वी अणिमाश्रीजी का मिला पावन सन्देश
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशानुसार एवं आचार्य महाश्रमणजी की प्रबृद्ध शिष्या साध्वी श्री अणिमाश्रीजी की पावन प्रेरणा से तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई द्वारा अन्नपूर्णा कार्यशाला का वर्चुअल जूम ऐप और फेसबुक पेज पर लाइव आयोजन किया गया।
कार्यशाला का शुभारम्भ प्रचार-प्रसार मंत्री श्रीमती संगीता आच्छा के नमस्कार महामंत्र के मंगल स्मरण के साथ हुआ। मंगलाचरण गीत आओ बहनों, जागों बहनों, .. युग धारा में प्राण भरें का संगान सहमंत्री श्रीमती कंचन भण्डारी एवं श्रीमती रीमा सिंघवी ने किया। महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती शान्ति दुधोड़िया ने कार्यशाला के सम्भागीयों का स्वागत करते हुए कहा कि महिला मण्डल केन्द्र द्वारा निर्देशित हर कार्य को करने की कोशिश करती हैं। चेन्नई महिला मण्डल संघ और संघपति की सेवा के साथ समाज कल्याण के कार्य में भी सलग्न रहती हैं। वर्तमान कोरोना महामारी में भी मण्डल स्तर पर सामाजिक कार्यों को अंजाम दे रही हैं।
श्रीमती दुधोड़िया ने कहा कि उन्हें उनके हर कार्यों में जहां महिला मण्डल की बहनों का सहयोग तो मिलता ही है, वहीं स्थानीय तेरापंथ सभा, तेयुप, अभातेयुप जेटीएन का भी समय समय पर सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहता हैं। आपने आज की मुख्य व्यक्ता श्रीमती वीणा बैद का विशेष रूप से साधुवाद सम्प्रेषित किया।
अभातेमम राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या श्रीमती माला कातरेला ने तमिलनाडु स्तरीय स्वागत अभिनन्दन किया। अभातेमम राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्या श्रीमती अनीता चौपड़ा ने अपने विचार व्यक्त किये। कोषाध्यक्षा श्रीमती हेमलता नाहर ने मुख्य व्यक्ता का परिचय प्रस्तुत किया।
अन्न ही प्राण है – साध्वी अणिमाश्रीजी
इस अवसर पर चेन्नई में प्रवासित साध्वी अणिमाश्रीजी का वीडियो संदेश प्रचारित किया गया। साध्वीश्रीजी ने अपने संदेश में कहा कि जैन धर्म अहिंसा, संयम प्रधान धर्म है। इसमें त्याग का विशेष महत्व हैं। साध्वीश्री ने विषय पर विशेष प्रेरणा देते हुई कहा कि अन्न ही प्राण है। हमें अन्न का सदुपयोग करना चाहिए। उसे स्वयं बर्बाद नहीं करना चाहिए और दूसरों को भी बर्बाद करने से रोकना चाहिए। हम ऊनोदरी तप के द्वारा अन्न का बहुउपयोग भी कर सकते हैं। हमें खानें में झूठन नहीं छोड़ना चाहिए। गुरुदेव तुलसी के अनुसार चिन्तन, निर्णय और क्रियान्विती के अनुरूप लम्बे समय तक इस कार्य में खुद को जोड़े रखकर, लोगों को जोड़ना होगा, जागरूक बनाना होगा।
साध्वीश्री ने अभातेमम और चेन्नई महिला मण्डल के लिए आध्यात्मिक मंगलकामना करते हुए कहा कि वे सर्वात्मना समर्पित होकर आगे बढ़ती रहें। आपका कार्यकाल उपलब्धियों से भरा हुआ, उन्नति पूर्ण हो।
नारी लविंग एंड केयरिंग से भरपूर – वीणा बैद
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की पूर्व महामंत्री, लेखिका, मोटीवेटर स्पीकर श्रीमती वीणा बैद, बेंगलुरु ने अन्नपूर्णा विषय पर अपना व्यक्तव्य देते हुए कहा कि नारी के लविंग एंड केयरिंग (प्यार और देखभाल) के आधार पर अन्य देवियों की तरह अन्नपूर्णा देवी भी कहा जाता हैं। आपने माँ और अन्नपूर्णा का अंतर बताते हुए कहा कि माँ बीज के समान है और अन्नपूर्णा वटवृक्ष के समान हैं। माँ केवल अपने बच्चों के बारे में सोचती हैं, लेकिन अन्नपूर्णा अपने बच्चों के साथ-साथ अपने परिवार, समाज के दायित्व भी निभाती हैं।
35% उत्पादित खाद्यान्न होता बर्बाद
आपने एक वीडियो क्लिप के माध्यम से बताया कि प्रतिदिन लगभग 7000 व्यक्ति भूख के कारण मरते हैं। प्रतिदिन 3000 बच्चे कुपोषण से मरते हैं। 10 में से दो व्यक्ति रोज भूखे सोते हैं। 10 में से चार व्यक्ति का सही पौष्टिक आहार नहीं मिलने के कारण शारीरिक ग्रोथ पूर्ण नहीं हो पाता हैं। विश्व में लगभग 35% उत्पादित खाद्यान्न बर्बाद होता है। इसको रोकने के लिए अत्याधुनिक स्टोरेज की व्यवस्था करनी पड़ेगी। सही पैकेजिंग के साथ व्यवस्थित रूप से उसका वितरण हो सके, ऐसी व्यवस्था को अंजाम देना पड़ेगा। अनुपयोगी खाने को सही जगह पर पहुंचा कर उसको उपयोग में लेने से उत्पादित खाद्यान्नों की बर्बादी को कम किया जा सकता है।
रोटी खाने से ही मिलती तृप्ति
श्रीमती वीणा बैद ने कहा व्यक्ति चाहे कितना भी करोड़पति, खरबपति या गरीब हो, सबको तृप्ति खाना-रोटी खाकर ही मिलती हैं, धन से नहीं। अतः हमें खाने का सदुपयोग करना चाहिए। शादी-विवाह इत्यादि प्रोग्राम में जहां तक हो सके, हमें अपनी प्लेट में इतना ही खाना लेना चाहिए, जितना हम खा सकें। प्रोग्राम आयोजित करने वालों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुउपयोगी/बचे हुए खाने का भी समुचित उपयोग हो सके।
खाने के कारण दुनिया के अधिकतर होते पाप
आपने विशेष रूप से कहा कि अपने बुजुर्ग माता-पिता, सास-ससुर का खास ख्याल रखना चाहिए। समय-समय पर उनकी इच्छा के अनुरूप खाना बनाकर खिलाना चाहिए। महिलाएं मैनेजमेंट के सही फंड़े को अपनाकर घर में कम से कम खाद्यान्नों में भी अच्छी से अच्छी वस्तुएं बनाकर उसका सदुपयोग कर सकती है। अपने अनुपयोगी खाने को अपने पास पड़ोस में भूखे व्यक्तियों को खिलाना चाहिए। मुक प्राणियों को भी कुछ न कुछ, समय-समय पर खिलाते रहना चाहिए। आपने कहा कि दुनिया में अधिकतर जो पाप होते हैं, वे खाने के कारण ही होते हैं। अन्नपूर्णा अलर्ट रहें। हम सब हंसते मुस्कुराते रहने से सदैव युवा रह सकते हैं।
प्रचार मंत्री श्रीमती लता पारख ने कहा कि हमें भोजन को प्रसाद की तरह मान कर खाना चाहिए और अन्नपूर्णा पर आधारित दो बहुत ही सुन्दर विडियो जो घर – घर में जागृति दे सकता है उसको दिखाया गया।
उपाध्यक्षा श्रीमती अलका खटेड़ ने अखिल भारतीय महिला मंडल के कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि जल है तो कल एंव अन्नपूर्णा गूगल फोर्म भरने की प्रेरणा दी। कार्यशाला में स्थानीय महिला मंडल के साथ तेरापंथ सभा निवर्तमान अध्यक्ष धरमचन्द लुंकड, तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष श्री रमेश डागा, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष श्री सुरेश सुकलेचा, अभातेयुप जेटीएन प्रतिनिधि स्वरूप चन्द दाँती, प्रमोद गादिया, संतोष सेठिया एवं रमेश खटेड के साथ अनेक गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम का जूम ऐप के साथ महिला मंडल के फेसबुक पेज पर भी लाइव प्रसारण किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन उपाध्यक्षा श्रीमती पुष्पा हिरण ने और धन्यवाद ज्ञापन मंत्री श्रीमती गुणवंती खाटेंड ने किया।
– : प्रचार प्रसार प्रभारी : –
स्वरूप चन्द दाँती
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई