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अनेकांत शैली के प्रयोक्ता थे – आचार्य महाप्रज्ञ : साध्वी अणिमाश्री

आचार्य महाप्रज्ञजी के 12वें महाप्रयाण दिवस पर भावांजलि प्रज्ञा के महासूर्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ठाणा 5 के सान्निध्य में तेरापंथी सभा चेन्नई के तत्वावधान में आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल, मादावरम् के प्रांगण में आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के 12वें महाप्रयाण दिवस पर भावांजलि प्रज्ञा के महासूर्य को कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसे फेसबुक लाइव के माध्यम से हजारों लोगों ने भावांजलि अर्पित की।
 

साध्वी श्री अणिमाश्रीजी ने भाव पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अध्यात्म के अलबेले योगी थे आचार्य महाप्रज्ञ। श्रद्धा व समर्पण के उत्कृष्ट शिखर पर आसीन थे आचार्य महाप्रज्ञ। जन जन के प्राणों में पुलकन भरने वाले बसंत थे आचार्य महाप्रज्ञ। मुखमंडल पर तैरती अहर्निश स्मित मुस्कान के संवाहक थे आचार्य महाप्रज्ञ। व्यक्तित्व एक किन्तु कर्तृत्व अनेक की प्रतिकृति थे आचार्य महाप्रज्ञ।

अध्यात्म शिरोमणि, महान् साहित्यकार, उच्चकोटि के दार्शनिक, मूर्धन्य कवि, अद्वितीय व्याकरणविद, अनेकान्त शैली के प्रयोक्ता, सापेक्ष अर्थशास्त्र के प्रणेता, आगम के सूक्ष्म रहस्यों के व्याख्याता, प्रेक्षाध्यान के आविष्कारक, जीवन विज्ञान के जनक, ओजस्वी वक्ता आचार्य महाप्रज्ञजी ने न केवल अपने जीवन को आलोकित किया, बल्कि उनकी सन्निधि में आने वाले हर व्यक्ति को जीवन का प्रकाश दिया।

जीवन का ढंग बताया एवं जन जन को नई दिशा दी। अपने विनय व समर्पण से तुलसी पाठशाला का अबोध विद्यार्थी, सुबोध बनकर महाबोध के शिखर पर आरूढ़ हो गया। विनय व समर्पण के शलाका पुरुष आचार्य महाप्रज्ञजी की दिव्यदृष्टि व वितराग चेतना हमारे वितरागता के पथ को प्रशस्त करती रहे, यही अन्तर्भावना हैं।
  

साध्वी श्री कर्णिकाश्रीजी ने अपने वक्तव्य में कहा आचार्य महाप्रज्ञजी ने अपने शासनकाल में अपने तेजस्वी नेतृत्व व कमनीय कर्तृत्व से कीर्तिमान के कोट रचे हैं।
 

साध्वी सुधाप्रभाजी ने प्रभावशाली मंच संचालन करते हुए कहा काल के भाल पर सृजन के स्वस्तिक उकेरने वाले सिद्ध पुरुष थे आचार्य महाप्रज्ञ। वे समाधायक पुरुष थे। उनका विलक्षण साहित्य हर समस्या का समाधान देने में सक्षम है। उनका साहित्य मानसिक एवं भावनात्मक व्याधि से ग्रस्त व्यक्ति के लिए रामबाण औषधि का काम करता है।
 

साध्वी समत्वयशाजी ने आचार्य महाप्रज्ञजी की अभ्यर्थना में साध्वी श्री अणिमाश्रीजी द्वारा रचित गीत की सुंदर व भावपूर्ण प्रस्तुति देकर परिषद् को महाप्रज्ञ मय बना दिया। साध्वी मैत्रीप्रभाजी ने कविता के द्वारा स्वयं के संयमप्रदाता आचार्य महाप्रज्ञजी की काव्यांजलि द्वारा अर्चना की।
 

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़ ने आचार्य महाप्रज्ञजी को दूसरा विवेकानंद बताते हुए उनके आवेदनों की चर्चा की। स्कूल के चेयरमैन श्री प्यारेलालजी पितलिया, तेरापंथ युवक परिषद् अध्यक्ष श्री रमेश डागा, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष डॉ सुरेश सकलेचा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती शांति दूधोरिया ने अपने श्रद्धासिक्त उद्गार व्यक्त किए। मंगलाचरण मधुर गायिका श्रीमती रेखा भरत मरलेचा ने सुमधुर मंगल संगान से किया।

आभार ज्ञापन तेरापंथ सभा के मंत्री श्री प्रवीण बाबेल ने किया। साध्वीश्रीजी की प्रेरणा से सैकड़ों भाई-बहनों ने दस प्रत्याख्यान एवं सामायिक की पचरंगी के द्वारा पूज्य प्रवर के श्री चरणों में तप का अर्ध्य समर्पित किया।

     -: प्रचार प्रसार प्रभारी :-
*श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई*
            स्वरुप चन्द दाँती
          प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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