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अनुष्ठान का एकमात्र उद्देश्य आत्मशक्ति का जागरण करना है: मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी

अनुष्ठान का एकमात्र उद्देश्य आत्मशक्ति का जागरण करना है: मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी

तपस्वी विद्वान साधक मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी स्वामी के आज 9 दिन की एकांत मौन साधना का समापन एवं नवान्हिक आध्यात्मिक भक्तामर अनुष्ठान की पूर्णाहुति* के मंगल अवसर पर तेरापंथ ट्रस्ट तंदीयारपेठ के तत्वाधान में एक *अभिनंदन कार्यक्रम व बृहद मंगल पाठ का कार्यकर्म आयोजित किया गया*।

तेरापंथ भवन ट्रस्ट के परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह 5:00 बजे से ही लोगों का आवागमन चालू हो गया थोड़ी ही देर में पूरा भवन लगभग 500 लोगो से खचाखच भर गया । ठीक 5:30 को मुनि श्री बाहर पधारे और भक्तों को दर्शन दिए।

उसके पश्चात भक्तामर का पाठन हुआ और एक संक्षिप्त अभिनंदन कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ जिसमें ट्रस्ट के अध्यक्ष इंद्र चंद जी डूंगरवाल ने अपने श्रद्धा सिक्त उदगार  व्यक्त करते हुए इस अनुष्ठान को सफलतम बनाने हेतू मुनि श्री का आभार व्यक्त किया। तेरापंथ सभा चेन्नई के अध्यक्ष विमल जी चिप्पड ने मुनि श्री की साधना के प्रति अहो भाव व्यक्त किया। अनुष्ठान के अनुभव सुनाते हुए अनेक वक्ताओं ने इस अनुष्ठान को अद्भुत अपूर्व व ऐतिहासिक बताया।

दिलीप गेलड़ा प्रीति डूंगरवाल चन्द्रा देवी धोका  देवेंद्र सुराणा   देवराज जी आच्छा  आदि ने इस अनुष्ठान को अनुष्ठान में संभागी सभी साधको  के जीवन का  अविस्मरणीय क्षण बताया। मुनि श्री विमलेश कुमार जी मुनि श्री विनीत कुमार जी ने भी अपने भावपूर्ण उद्गार व्यक्त किए और मुनि श्री की साधना के प्रति मंगल कामना व्यक्त की। मुनि श्री के जीवन की और व्यक्तित्व की अनेक विशेषताओं के उदाहरण प्रस्तुत किये ।

मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा कि वह पिछले 6 वर्षों से यह भक्तामर अनुष्ठान की साधना कर रहे हैं पिछले 2 वर्षो से वह मौन एकांत साधना कर रहे हैं अनुष्ठान का एकमात्र उद्देश्य है आत्म शक्ति का जागरण करना । इस शक्ति के जागरण की साधना वही व्यक्ति कर सकता है जो अपने मन को जीत लेता है अपने इंद्रियों को जीत लेता है अपनी कामनाओं को वासनाओं को इच्छाओं को जीत लेता है।

इस प्रकार की साधना ही सिद्धि तक पहुंचाती है। साधना का प्रारम्भ संयम से होता है जो  अपने आप को सयमित बना लेता है वही साधना का स्वाद ले सकता हे। चेन्नई में प्रथम बार हुए इस अनुष्ठान मे 400 साधक संभागी  बने। इसको  सफलतम व एतेहसिक बनाने मे सभी कार्यकर्ताओं ने और व  ट्रस्ट बोर्ड ने संपूर्ण दृष्टि से  अपना सराहनीय योगदान किया।

इस अवसर पर 11 की तपस्या करने वाली बहन ममता पोखरना का तेरापंथ ट्रस्ट द्वारा अभिनंदन किया गया। तेरापंथ महिला मंडल की बहनो ने मुनि श्री के प्रति सुंदर गीतिका प्रस्तुत की।मुनि श्री ने इस अवसर पर बृहद मंगल पाठ सुनाया। आभार ज्ञापन मंत्री पूनम चंद जी मंडोत ने किया ।कार्यक्रम का कुशल संचालन देवीलाल जी हिरण ने किया।

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